राम सेतु को लेकर क्या है सरकार रुख? जवाब देने के लिए SC से मिला और समय, सुब्रमण्यम स्वामी ने दायर की है याचिका
नई दिल्ली
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने और इसे संरक्षित करने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की थी। उनकी इस याचिका पर केंद्र सरकार को जवाब देना है, जिसके लिए सर्वोच्च अदालत ने और अधिक समय की मंजूरी दी है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया, 'सरकार में इस मामले पर चर्चा चल रही है। यह मामला अभी विचाराधीन है।' भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच इस केस की सुनवाई कर रही है। पीठ ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए फरवरी के पहले सप्ताह तक का समय दिया है। अब फरवरी के दूसरे सप्ताह में इस मामले पर सुनवाई होगी। आपको बता दें कि इस मामले पर आज हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए और अधिक समय की मंजूरी दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए 12 दिसंबर तक का समय दिया था। नवंबर में इस मामले पर आखिरी सुनवाई हुई थी। उस समय तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया था कि सरकार का जवाब तैयार है, लेकिन संबंधित मंत्रालय से मंजूरी का इंतजार है। कोर्ट ने केंद्र से तब पूछा था, "आप इस मामले पर अपने पैर क्यों खींच रहे हैं?"
आपको बता दें कि स्वामी ने 2007 में सेतुसमुद्रम नहर परियोजना को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इस योजना के तहत मन्नार को पाक जलडमरूमध्य से जोड़ने के लिए 83 किलोमीटर लंबे चैनल का निर्माण करना था। स्वामी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि इस दौरान होने वाले ड्रेजिंग कार्य से रामसेतु को नुकसान होगा। इसके बाद परियोजना को 2007 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक दिया गया था। 2018 में सरकार ने एक हलफनामा दायर किया था।