पाकिस्तान को दिवालिया होने से बचाने के लिए यूएई ने भी खोला खजाना
अबुधाबी
आर्थिक तंगी और महंगाई से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए सऊदी अरब के बाद अब संयुक्त अरब अमीरात ने भी खजाना खोला है.गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान ने गुरुवार को मौजूदा 2 अरब डॉलर के कर्ज को रोलओवर करने (कर्ज चुकाने की अवधि आगे बढ़ाना) और एक अरब डॉलर का अतिरिक्त कर्ज देने पर सहमति जताई है.
यूएई की ओर से मिली 3 अरब डॉलर की सहायता राशि पाकिस्तान के लिए राहत देने वाली है. क्योंकि पाकिस्तान को अगले छह महीने में 13 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है. हालांकि, नौ साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुके विदेशी मुद्रा भंडार के कारण पाकिस्तान डिफॉल्ट के खतरे से पूरी तरह से उबर नहीं पाएगा. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर नौ वर्ष के निचले स्तर पर आ गया है. गुरुवार को पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार मात्र 4.34 अरब डॉलर रह गया. यह राशि फरवरी 2014 के बाद से सबसे कम है. ये धनराशि एक महीने के राशन की चीजों के आयात के लिए भी पर्याप्त नहीं है.
देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था और विदेशी मुद्रा के गंभीर संकट ने पाकिस्तान को विदेशी संपत्ति बेचने पर मजबूर कर दिया है.
शहबाज शरीफ यूएई दौरे पर
द्विपक्षीय व्यापार और निवेश पर चर्चा करने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ दो दिवसीय यूएई दौरे पर हैं. आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए यह दौरा अहम माना जा रहा है. गुरुवार को अबूधाबी पहुंचने के बाद उन्होंने यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की.
यूएई की ओर से पाकिस्तान को यह मदद तेजी से घटते विदेशी मुद्रा भंडार, बड़े पैमाने पर बाढ़ के नुकसान और व्यापक आर्थिक मंदी के बीच डिफॉल्ट के खतरों से पार पाने के लिए दिया गया है. इससे पहले सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भी पाकिस्तान को राहत देने के लिए सहायता और निवेश राशि बढ़ाने का आदेश दिया था.
यूएई ने ऋण रोलओवर की दी मंजूरी
यूएई ने गुरुवार को मौजूदा 2 अरब डॉलर के कर्ज को चुकाने की मोहलत भी बढ़ा दी है. कर्ज चुकाने की मोहलत बढ़ाने से पाकिस्तान को अगले कुछ दिनों में आईएमएफ कार्यक्रम से भी मदद मिलने में आसानी होगी. यूएई के इस फैसले से पाकिस्तान अपना विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा सकता है और आयात पर कड़े नियंत्रण को समाप्त कर सकता है.
आयात पर लगे कड़े नियंत्रण के कारण ही पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है. पाकिस्तान को यूएई को 2 अरब डॉलर का कर्ज पाकिस्तान को फरवरी और मार्च में चुकाना था.
डिफॉल्ट का खतरा बरकरार
पाकिस्तान को जनवरी से जून 2023 तक 13 अरब डॉलर से अधिक का विदेशी कर्ज चुकाना है. यूएई की इस मदद से पाकिस्तान की कर्ज देनदारी एक-चौथाई कम हो जाएगी. कुल 13 अरब डॉलर कर्ज में से पाकिस्तान अब तक लगभग 1.2 अरब डॉलर का भुगतान कर चुका है. यूएई के लोन रोलओवर के बाद पाकिस्तान को अब लगभग 10 अरब डॉलर चुकाने होंगे.
पाकिस्तान को डिफॉल्ट होने के खतरे को स्थायी रूप से समाप्त करने के लिए सरकार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ऋण कार्यक्रम के तहत लोन के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी.
अंग्रेजी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार और आईएमएफ मिशन के प्रमुख नाथन पोर्टर के बीच हुई मुलाकात में आईएमएफ ने पाकिस्तान को हाल के दिनों में दिए गए सभी निर्देशों को पूरा करने के लिए कहा है.
हालांकि, मार्च और जून के बीच चीन के भी 3 अरब डॉलर के कर्ज चुकाने की मोहलत खत्म हो रही है. पाकिस्तान ने बार-बार चीन से इस कर्ज को चुकाने की अवधि आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है लेकिन अभी तक बात बनी नहीं है.
सऊदी किंग के निर्देशों का दिखने लगा असर
सऊदी फंड फॉर डेवलपमेंट (SFD) उधार पर पाकिस्तान को एक अरब डॉलर की कीमत का तेल निर्यात करने पर सहमत हुआ है. यह समझौता पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में हुआ.
पाकिस्तानी मंत्रालय ने कहा है कि इस समझौते पर SFD के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुल्तान अब्दुलरहमान अल-मार्शद और पाकिस्तान के आर्थिक मामलों के सचिव डॉ. काजिम नियाज ने दस्तखत किए.
मंत्रालय ने कहा है कि ये रणनीतिक समझौता पाकिस्तान को एक स्थायी अर्थव्यवस्था बनाने में सऊदी अरब के सहयोग को दिखाता है.
इससे पहले 2019 और 2021 में भी SFD ने सऊदी तेल सुविधा के तहत पाकिस्तान के साथ 4.44 अरब डॉलर के तेल डेरेविटिव समझौता किया था. हालांकि पूरा फंड उपयोग नहीं किया गया.
इस समझौते में कहा गया है कि यह समझौता मुश्किल समय में पाकिस्तान का समर्थन करने के लिए सऊदी किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के निर्देशों का अनुसरण है. SFD की स्थापना के बाद से इस संस्था ने पाकिस्तान के 40 से ज्यादा प्रोजेक्ट में हाथ बंटाया है.
पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार आ रही कमी को देखते हुए मोहम्मद बिन सलमान ने पिछले सप्ताह ही सऊदी अरब डेवलमेंट फंड (SFD) से पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक में सऊदी की जमा रकम को बढ़ाने पर विचार करने के लिए कहा था. मंत्रालय के बयान के अनुसार, इस पर अभी काम किया जाना बाकी है.