रामजन्मभूमि के दक्षिण में बनेंगे आठ मंदिर, स्तंभों से लेकर दीवारों पर दिखेंगी सात हजार प्रतिमाएं
रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के निर्माणाधीन दिव्य मंदिर के साथ परकोटे में छह और दक्षिण दिशा में आठ मंदिर/आश्रम बनेंगे। इसकी तैयारियां शुरु हो गयी है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय का कहना है कि परकोटे के चार कोनों पर भगवान सूर्य, देवी भगवती, गणपति व भगवान शिव के मध्य में उत्तर दिशा में देवी अन्नपूर्णा व दक्षिण में हनुमानजी का मंदिर होगा। इसी तरह से मंदिर दक्षिण कुबेर टीला के निकट आठ अन्य मंदिर बनेंगे।
इन मंदिरों/आश्रमों में महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, गोस्वामी तुलसीदास, माता शबरी, निषादराज व जटायुराज का स्थान सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने बताया कि मंदिर में लगने वाले स्तम्भों व दीवारों में सात हजार से अधिक मूर्तियां प्रतिमा विज्ञान के आधार पर उत्कीर्ण की जाएंगी। इस कार्य के लिए सिद्धहस्त शिल्पियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी जिससे बार-बार कोई गलती न हो सके। उन्होंने बताया कि इसी तरह से लोअर प्लिंथ में रामायण के एक सौ प्रसंगों को भी एपिसोड रूप में उकेरा जाएगा। इसके लिए मॉडल निर्माण का काम शुरु हो गया है। इस निर्माण के लिए बनी विशेषज्ञों की टोली में अयोध्या राजपरिवार के सदस्य व युवा साहित्यकार एवं अध्येता यतीन्द्र मोहन प्रताप मिश्र भी शामिल है।
परिसर में प्रस्तावित सभी कार्यों पर एक साथ निर्माण शुरू
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव बताते हैं कि परिसर में प्रस्तावित सभी कार्यों पर एक साथ निर्माण शुरू हो चुका है। उन्होंने बताया कि राम मंदिर के साथ-साथ परकोटा का निर्माण रोलर कम्पैक्शन के जरिए किया जा रहा है। इसके लिए करीब 15 गहरी नींव की खुदाई कर उसके फाउंडेशन का निर्माण हो रहा है। इसी तरह यात्री सुविधा केंद्र का निर्माण करने के लिए उत्खनन कराया जा रहा है। इसी तरह परिसर में विद्युत आपूर्ति के लिए पावर सब स्टेशन व सब स्टेशन का भी निर्माण शुरु हो चुका है। परिसर में प्रस्तावित दो सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में से एक प्लांट का निर्माण शुरु हो चुका है।
रामजन्मभूमि परिसर में तीन अलग-अलग परिक्रमा पथ होंगे। इनमें एक अंतरग्रही परिक्रमा पथ जो कि अपर प्लिंथ की बाहरी दीवार से सटकर गर्भगृह की परिधि में होगा। इसी तरह दूसरा परिक्रमा पथ लोअर प्लिंथ की बाहरी दीवार की परिधि व परकोटे के आंतरिक हिस्से में भी होगा। इसके अलावा तीसरा परिक्रमा पथ परकोटे के बाहर होगा जिसकी परिधि में रामलला के अलावा पंचदेव उपासना के अन्तर्गत परकोटे के चारो कोने व मध्य में प्रस्तावित मंदिरों को शामिल करते हुए होगा।