पाक मीडिया ने कि PM मोदी के नेतृत्व की तारीफ, लिखा -भारत को बना दिया एक ब्रांड
नई दिल्ली
पाकिस्तान के एक प्रमुख अखबार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर प्रशंसा की है. अखबार ने कहा है कि नरेंद्र मोदी को भले ही पाकिस्तान में नफरत की नजर से देखा जाता हो, लेकिन उन्होंने भारत को एक ब्रांड बना दिया है, जो उनसे पहले कोई न कर सका. मोदी ने भारत को उस राह पर लाकर खड़ा किया है जहां से भारत का प्रभाव व्यापक रूप से बढ़ा है. मोदी के नेतृत्व में वैश्विक मंच पर भारत का कद बढ़ा है. भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रगति की भी पाकिस्तानी अखबार ने तारीफ की है.
पाकिस्तान के प्रमुख अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपने एक ओपिनियन लेख में लिखा, 'पीएम मोदी ने भारत को एक ऐसे मुकाम पर लाकर खड़ा किया है जहां से देश का प्रभाव व्यापक रूप से बढ़ना शुरू हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति कुशलतापूर्वक चल रही है और इसकी जीडीपी बढ़कर तीन ट्रिलियन डॉलर की हो गई है.'
पहली बार प्रमुख पाकिस्तान दैनिक 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने भारत (India) के बढ़ते वैश्विक कद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व की दिल खोलकर प्रशंसा की है. अखबार के मुताबिक पीएम मोदी के नेतृत्व में विश्व मंच पर भारत की न सिर्फ अहमियत बढ़ी है, बल्कि पीएम मोदी इस सबसे बड़े लोकतंत्र (Democracy) को उस अहमियत पर ले आए हैं जहां राष्ट्र ने अपने प्रभाव और छाप का व्यापक जाल बिछाना शुरू कर दिया है. प्रमुख पाकिस्तान (Pakistan) दैनिक मेंऑप-एड कॉलम में जाने-माने राजनीतिक, सुरक्षा और रक्षा विश्लेषक शहजाद चौधरी लिखते हैं, 'पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति (Foreign Policy) का परचम फहरा रहा है. इसका सकल घरेलू उत्पाद (GDP) तीन ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया है.' उन्होंने भारत की इस प्रगति को ऐतिहासिक करार दिया है. उन्होंने भारत को सभी निवेशकों (Investors) के लिए एक पसंदीदा स्थान बताया है. साथ ही फिर दोहराया है कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में भारत ने विदेश नीति के मोर्चे पर खुद को पुख्ता से स्थापित किया है.
भारत में स्थिर, सुसंगत और फंक्शनल राजनीति
शहजाद चौधरी ने अपने कॉलम में लिखा है कि भारत कृषि उत्पादों का भी एक बड़ा उत्पादक है, जिसकी वैश्विक मंच पर भी आईटी उद्योग में तूती बोल रही है. वह लिखते हैं, 'कृषि में भारत की प्रति एकड़ पैदावार दुनिया में सबसे अच्छी है. यही नहीं, 1.4 बिलियन से अधिक लोगों का देश होने के बावजूद वहां एक स्थिर, सुसंगत और फंक्शनल राजनीति काम कर रही है.' आंकड़ों का हवाला देते हुए शहजाद चौधरी ने कहा, 'भारत की शासन प्रणाली समय की कसौटी पर खरी उतरी है और एक सुदृढ़ लोकतंत्र के लिए आवश्यक बुनियादी सिद्धांतों को समय के साथ लचीलापन देकर उसे और गहरी नींव दी है. पीएम मोदी ने भारत को ब्रांड बनाने के लिए कुछ ऐसा किया है. जो उनसे पहले कोई नहीं कर सका. महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत जो महसूस करता है और जिस हद तक उसे जरूरत है, वही करता है.'
इमरान खान भी भारतीय विदेश नीति की कर चुके हैं दिल खोलकर तारीफ
इससे पहले नवंबर में पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान ने भारत की विदेश नीति की सराहना करते हुए इसे स्वतंत्र और निज केंद्रित बताया था. पीटीआई प्रमुख ने कहा, 'हालांकि पाकिस्तान को भी भारत के साथ ही आजादी मिली, लेकिन उनकी विदेश नीति स्वतंत्र बनी हुई है. भारत अमेरिका के विरोध के बावजूद रूस से तेल खरीदने के अपने फैसले पर कायम है.' पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा था, 'मुझे भारत का उदाहरण लेना चाहिए. देश हमारे साथ-साथ आजाद हुआ और अब इसकी विदेश नीति को देखें. यह एक स्वतंत्र और निज केंद्रित विदेश नीति का अनुसरण करता है. भारत अपने फैसले पर कायम रहा और कहा कि वे रूस से तेल खरीदेंगे.' यही नहीं, यूक्रेन में चल रहे सैन्य संघर्ष के बीच पश्चिम के दबाव के बावजूद अपने राष्ट्रीय हितों के अनुरूप नई दिल्ली द्वारा रूसी तेल की खरीद की प्रशंसा करते हुए खान ने कहा था कि भारत और अमेरिका क्वाड सहयोगी हैं, लेकिन भारत ने अपने नागरिकों के हित में रूस से तेल खरीदने का फैसला किया है.
भारतीय विदेश नीति की खूब तारीफ
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की उल्लेखनीय प्रगति का जिक्र करते हुए विश्लेषक शहजाद चौधरी ने कहा कि भारत निवेशकों के लिए एक पसंदीदा स्थान बनकर उभरा है. शहजाद चौधरी प्रसिद्ध राजनीतिक, सुरक्षा और रक्षा विश्लेषक हैं. उन्होंने अपने लेख में लिखा कि भारत ने पीएम मोदी की अध्यक्षता में विदेश नीति के मोर्चे पर अपना खुद का डोमेन स्थापित किया है.
पाकिस्तान की खस्ता हालत को बयान करते हुए शहजाद चौधरी लिखते हैं कि भारत अपनी विदेश नीति के सहारे विश्व पटल पर तेजी से उभर रहा है, अमेरिका के साथ अपने बेहतर संबंधों का लाभ ले रहा है लेकिन पाकिस्तान के लोग बस कोसने में लगे हैं.
रूस पर यूक्रेन में युद्ध को लेकर कड़े प्रतिबंधों के बावजूद भी भारत द्वारा उससे रियायती दरों पर तेल खरीदने को चौधरी भारतीय विदेश नीति की जीत मानते हैं. वह लिखते हैं, 'रूस पर अमेरिकी प्रतिबंध लगे हैं और भारत को छोड़कर कोई उससे स्वतंत्र रूप से व्यापार नहीं कर पा रहा. भारत अपनी शर्तों पर रूस से तेल खरीद रहा है और विदेशों में उसे बेचकर डॉलर भी कमा रहा है. दुनिया की दो विरोधी सैन्य महाशक्तियां (अमेरिका और रूस) भारत को अपना सहयोगी होने का दावा करती हैं. क्या यह कूटनीतिक तख्तापलट नहीं है?'
पूरी दुनिया के लिए प्रासंगिक है भारत
वह लिखते हैं कि भारत पूरी दुनिया के लिए प्रासंगिक बन गया है. भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. इसका लक्ष्य साल 2037 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का है.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भी 600 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का है जबकि पाकिस्तान के पास अब साढ़े चार अरब डॉलर ही शेष रह गया है. भारत के पास दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्मी और तीसरी सबसे बड़ी मिलिट्री है. इसकी सैन्य क्षमता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. अरबपतियों की वैश्विक सूची में 140 भारतीय शामिल हैं जिनमें से शीर्ष 100 में चार शामिल हैं.
भारतीय कृषि और आईटी उद्योग की भी की तारीफ
शहजाद चौधरी ने अपने लेख में भारतीय कृषि और आईटी उद्योग की भी काफी तारीफ की है. उन्होंने लिखा कि इतनी अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद भी भारत अपने लोगों का पेट अच्छे से पाल रहा है. इंफोसिस दुनिया की बेहतरीन आईटी कंपनी बनकर उभरी है.
वो लिखते हैं, 'भारत कृषि उत्पादों और आईटी उद्योग का भी एक बड़ा उत्पादक है. कृषि में उनकी (भारत की) प्रति एकड़ पैदावार दुनिया में सबसे अच्छी है. 140 करोड़ लोगों का देश होने के बावजूद वहां की कृषि अपेक्षाकृत स्थिर, सुसंगत और कार्यात्मक बनी हुई है.'
आंकड़ों का हवाला देते हुए, शहजाद चौधरी ने अपने लेख में कहा, 'भारत की शासन प्रणाली समय की कसौटी पर खरी उतरी है. भारतीय शासन लोकतंत्र के लिए आवश्यक बुनियादी बातों पर लचीला साबित हुआ है.
मोदी की तारीफ करते हुए उन्होंने लिखा, 'मोदी ने भारत को ब्रांड बनाने के लिए कुछ ऐसा किया है जो उनसे पहले कोई नहीं कर सका. सबसे बड़ी बात यह है कि भारत को अब जो लगता है वो वही करता है.'
भारत-पाकिस्तान को लेकर लिखी ये बात
शहजाद चौधरी ने लिखा कि भारत हर क्षेत्र में पाकिस्तान से आगे निकल चुका है और दोनों देशों के विकास के बीच कभी न पाटी जा सकने वाली गहरी खाई बन गई है. भारत वैश्विक पटल पर अपने निशान छोड़ चुका है. वह जी-7 की अध्यक्षता करता है और जी-20 का सदस्य भी है. कोई यह बात माने या न माने लेकिन भारत ने कश्मीर से धारा 370 हटाकर पाकिस्तान को पटखनी दी है. पाकिस्तान की सोच में दिवालियापन है और यही उसे बर्बाद कर रही है. हम तभी अच्छा कर सकते हैं जब हमारी अर्थव्यवस्था बेहतर हो. हमें बयानबाजी से बचना होगा.
इससे पहले भी पाकिस्तान की तरफ से होती रही है मोदी की तारीफ
पाकिस्तान के नेता भी इससे पहले कई मौकों पर भारत की तारीफ कर चुके हैं. खासकर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान. इमरान खान अकसर भारत की विदेश नीति की तारीफ करते रहे हैं. नवंबर में इमरान खान ने भारत की विदेश नीति की सराहना करते हुए इसे स्वतंत्र बताया था.
उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान दोनों एक साथ आजाद हुए लेकिन उनकी विदेश नीति स्वतंत्र बनी रही क्योंकि भारत अमेरिका के विरोध के बावजूद रूस से तेल खरीदने के अपने फैसले पर कायम है. उन्होंने कहा था कि भारत अपने फैसले खुद से ले सकता है, अपने लोगों की जरूरत के मुताबिक स्टैंड ले सकता है लेकिन हमारी सरकार क्यों पीछे रह जाती है.
अक्टूबर 2022 में भी पीटीआई प्रमुख ने भारत की विदेश नीति की सराहना करते हुए कहा था कि भारत अपनी मर्जी से रूस से तेल आयात करने में सक्षम है, जबकि पाकिस्तान पश्चिम का गुलाम है क्योंकि वह अपने लोगों के कल्याण के लिए बिना डरे कोई फैसला नहीं ले सकता है.
मार्च 2022 में भी उन्होंने रूस से तेल खरीदने को लेकर भारतीय विदेश नीति की तारीफ की थी. उन्होंने कहा था कि भारत अमेरिका के साथ QUAD का हिस्सा है फिर भी वो रूस से तेल खरीद सकता है- यह भारत की विदेश नीति है. उन्होंने कहा था कि मैं आज हिंदुस्तान को दाद देता हूं, उसने हमेशा आजाद फॉरेन पॉलिसी रखी है.