राजधानी में ठगी गिरोह सक्रीय, तीनों बुजुर्ग महिलाओं को बनाया शिकार, सोने के गहने हड़पे
भोपाल
राजधानी में मदद मांगने के बहाने बुजुर्ग महिलाओं को ठगी का शिकार बनाने वाला गिरोह इन दिनों शहर में सक्रिय है। गिरोह में महिला-पुरुष और एक नाबालिग बच्चा शामिल है। तीनों बुजुर्ग महिलाओं को अपना शिकार बना कर मदद के बहाने सोने के जेवरात उतरवा कर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। इस गिरोह ने सोमवार को कोहेफिजा और बैरागढ़ में एक के बाद एक दो वारदातों अंजाम दिया और सोने के जेवरात लेकर बुजुर्ग महिलाओं को नकली जेवर थमाकर फरार हो गए।
यह है पूरा मामला : रूमाल के सहारे बदले जेवरात
कोहेफिजा पुलिस ने बताया कि हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी कोहेफिजा निवासी निर्मला पहलालानी (73) सोमवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल परिसर पहुंची थीं। उसी दौरान एक बच्चा उनके पास आया और कहा कि हमें उज्जैन जाना है, मदद की जरूरत है। इस बीच बच्चे के माता-पिता भी वहां आ गए और तीनों ने मिलकर बुजुर्ग महिला को मदद के नाम पर झांसे में लेकर सोने की दो अंगूठी, एक चेन व दो सोने की चूड़ियां उतरवा लीं। जालसाजों ने सभी जेवर एक रुमाल में बांध लिए और यहां- वहां हो गए। थोड़ी देर बाद वे तीनों फिर लौटकर महिला के पास आए। तब महिला ने अपने जेवर मांग लिए। जालसाज महिला, उसके पति व बच्चे ने रुमाल में बंधे जेवर बुजुर्ग महिला को लौटा दिए। घर आकर फरियादी महिला ने रुमाल खोलकर देखा तो उसमें नकली जेवर रखे मिले। पुलिस ने बताया कि आरोपी करीब दो तोला वजनी सोने के जेवरात लेकर चम्पत हुए हैं। पुलिस धोखाधड़ी का केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश कर रही है।
असली गहने लेकर थमा दिए नकली
बैरागढ़ पुलिस ने बताया कि हनुमान व्यायाम शाली के पास वनट्री हिल्स निवासी गीता पसरीजा (50) ने पुलिस को शिकायत करते हुए बताया कि सोमवार दोपहर करीब दो बजे वह सामान खरीदने के लिए बर्तन मार्केट बैरागढ़ जा रही थी, तभी शुलभ शौचालय के पास पीएनबी चौराहा पर उन्हें एक दंपत्ति मिले। उनके साथ करीब बारह-तेरह वर्ष का बच्चा भी था। तीनों ने मुझे बातों में उलझा लिया और पूछने लगे कि कपड़े की दुकान कहा है। इस बीच आरोपी दंपत्ति ने कहा कि हमारे लड़के के पास बहुत सारे रुपए हैं। आप अपने जेवरात देकर मदद करो, हम उसे जेवरात दिखाकर रुपए ले लेंगे। मैंने उनसे कहा कि मुझे जल्दी घर जाना है। इसके बाद मैंने हाथ से दो अंगूठी और गले से मंगलसूत्र उताकर दे दिया। मैंने जल्दी घर जाने की बात कही तो उन्होंने जेवरात रूमाल में लपेटकर दिए थे। बाद में रुमाल खोलकर देखा तो वह नकली निकले।