November 30, 2024

मप्र में अमृत-2 योजना के लिए 11 हजार 786 करोड़ रुपए स्वीकृत

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भोपाल

नगरीय निकायों में जलापूर्ति, सीवरेज, जलाशयों के शुद्धीकरण और पार्कों के सौंदर्यीकरण करने के लिए मप्र में अमृत-दो योजना के तहत 11 हजार 786 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं। विशेष बात यह है कि कुल बजट का एक तिहाई भोपाल और इंदौर पर खर्च हो जाएगा, जबकि प्रदेश के चार प्रमुख शहरों को जोड़ लें तो यह कुल राशि का 45 प्रतिशत से अधिक हो जाता है। इसमें से 4176 करोड़ रुपए केंद्र, 6268 करोड़ रु पये राज्य जबकि 1234 करोड़ रु पये निकायों को खर्च करना होगा। पहली बार ऐसा है जब अमृत योजना के तहत केंट क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है। अब तक यहां विकास कार्यों की जिम्मेदारी सेना की होती थी।

बता दें कि नगरीय निकायों में पानी की गुणवत्ता और उसकी गुणवत्ता सुधार करने के लिए केंद्र सरकार ने अमृत योजना की शुरु आत की है। इसके तहत शहरी क्षेत्रों में जलापूर्ति, सीवेज नेटवर्क, जलाशयों की सफाई और सुंदरीकरण के साथ हरितभूमि का विस्तार किया जाता है। अमृत एक में वर्ष 2021-22 के लिए प्रदेश में 413 नगरीय निकायों के लिए 11 हजार 500 करोड़ रु पये स्वीकृत हुए थे। इस बार अमृत दो में 286 करोड़ रु पये की बढ़ोतरी की गई है। इसमें 260 करोड़ रु पये केवल भोपाल और इंदौर के लिए स्वीकृत हुए हैं। वहीं मप्र के चार बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में पांच हजार 140 करोड़ रु पये खर्च होने का अनुमान है। जबकि बची हुई छह हजार 646 करोड़ रु पये की राशि अन्य 12 नगर निगम व अन्य निकायों में खर्च की जाएगी।

117 करोड़ रु पये से बनेंगे 385 नगरों में उद्यान
उद्यान के निर्माण और सौंदर्यीकरण के लिए 117 करोड़ रु पये की राशि जारी की गई है। लेकिन यह केवल एक लाख से कम जनसंख्या वाले 380 निकायों और पांच कैंट क्षेत्रों के लिए जारी किया गया है। इसमें बड़े नगरीय निकाय शामिल नहीं हैं।

एनजीटी में प्रकरण वाले निकायों से होगी शुरु आत
जलाशयों की सेहत सुधारने के लिए प्रथम चरण में एक लाख से कम आबादी वाले क्षेत्रों और जलाशयों में प्रदूषण की वजह से एनजीटी में प्रकरण चल रहा है। ऐसे नगरीय निकायों को शामिल किया गया है। छोटे नगरीय निकायों के तहत चार धार्मिक नगरों उज्जैन, मैहर, खजुराहो और ओरछा में जलाशयों के शुद्धीकरण पर 9.30 करोड़ रु पये खर्च किए जाएंगे।

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