November 26, 2024

विघ्न हरने वाले गणेशजी विघ्र पैदा भी करते हैं ऐसे सपने, जो देते हैं अशुभ संकेत, भविष्य पुराण में है उल्लेख

0

भगवान गणेश को विघ्न यानी बाधा हरने वाला देव कहा जाता है. हर कार्य में सबसे पहले इन्हीं की पूजा का विधान है. कई लोग गणेशजी की पूजा किए बिना ही काम शुरू कर देते हैं. ऐसे में शास्त्रों के अनुसार इससे गणेश जी का विघ्र पैदा होता है, जिससे बने काम भी बिगड़ने लगते हैं. भविष्य पुराण के अनुसार भगवान गणेश के विघ्न के संकेत सपने में भी दिखाई देते हैं. आइए जानते हैं कि किन सपनों को भगवान गणेश के विघ्न का संकेत समझना चाहिए.

गणेशजी के विघ्र के संकेत
 भविष्य पुराण में सुमन्तु मुनि से राजा शतनीक ने गणेश जी के प्रथम पूजनीय और विघ्नों के अधिकारी होने के संबंध में प्रश्न पूछा था. इस पर सुमंतु मुनि ने उन्हें बताया कि कृतयुग में  जब सारे काम बिना विघ्न बाधा के पूरे होने लगे तो प्रजा को बहुत अहंकार हो गया. ये देखकर भगवान ब्रह्मा ने बहुत सोच-विचार के बाद प्रजा की भलाई के लिए विनायक का विनियोजन किया. ब्रह्माजी के प्रयास से भगवान शंकर ने गणेशजी को उत्पन्न कर उन्हें गणों का अधिपति बनाया. तब से उनकी पहले पूजा का विधान है.

इसी कथा में सुमंतु मुनि ने गणेशजी के विघ्न संकेत सपने में दिखने की बात कही है. वे कहते हैं कि यदि व्यक्ति सपने में खुद को बहुत गहरे जल में डूबते, स्नान करते या बाल मुंडवाये देखे तो इसे गणेशजी का विघ्न समझना चाहिए. इसके अलावा काशाय वस्त्र से ढका व हिंसक पशुओं की सवारी करते, परिजनों से घिरा हुआ, गधे, ऊंट व अन्त्यज पर जाते हुए, यमलोक की यात्रा करते हुए, केकड़े पर बैठकर  जल की तरंगों के बीच गया हुआ तथा अपनी आकृति को बिगड़ा हुआ देखे तो तो इसे भी भगवान गणेश का विघ्न उत्पन्न हुआ मानना चाहिए.

गणेशजी के विघ्र से बिगड़ते हैं काम
भविष्यपुराण के अनुसार गणेशजी का विघ्न होने पर मनुष्य के काम बिगड़ते हैं. कुमारी कन्या अपने अनुरूप पति को नहीं प्राप्त कर पाती. गर्भ धारण  करने पर भी स्त्री संतान के सुख से वंचित हो जाती है. ब्राह्मण आचार्यत्व और विद्यार्थी विद्या प्राप्त नहीं कर पाता.  वैश्य व्यापार व कृषक कृषि  में लाभ प्राप्त  नहीं कर सकता, इसलिए हर काम में गणेशजी की  पूजा कर उनका विघ्र दूर करना चाहिए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed