October 1, 2024

राजस्थान :41%दुष्कर्म और 47% अत्याचार के मामले बेबुनियाद-DGP मिश्रा

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जयपुर

राजस्थान पुलिस के डीजीपी उमेश मिश्रा ने पुलिस विभाग में घूसखोरी और करप्शन पर रोक संबंधी मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए कहा- समाज के किस क्षेत्र में करप्शन नहीं है, पहले यह बताएं।  कौनसा महकमा करप्शन से छूटा है ? जो करप्शन में इन्वॉल्वड हैं, क्या वो समाज से नहीं आते हैं ? अगर एक पुलिसकर्मी है, तो उसके पीछे उसके 10-20 परिजन भी हैं, वो समाज के ही अंग हैं। मीडिया ऐसे कह रही है कि जैसे हमारा समाज पवित्र हो गया है, तो पुलिस भी पवित्र क्यों नहीं है? अगर ये गारंटी दें कि समाज पूरी तरह करप्शन विहीन हो गया है, तो हम कह सकते हैं कि पुलिस भी करप्शन विहीन हो गई है। अगर समाज में बुराई होगी या समाज में करप्शन है, तो पुलिस भी समाज का अंग है।

 

सबसे ज्यादा पुलिस विभाग में होता है डिपार्टमेंटल एक्शन
डीजीपी मिश्रा ने कहा- हमारा रेस्पॉन्स करप्शन में बहुत कठोर रहता है। एसीबी पुलिस का ही एक अंग है। एसीबी का एक्शन होता है, जो आप देखते हैं। पुलिस के पास एसीबी का पावर नहीं है, इसलिए हम एसीबी वाली कार्रवाई नहीं करते हैं। हमारा डिसिप्लीनरी एक्शन होता है, उसमें कहीं कोई रियायत नहीं होती है। हमारा बड़ा कठोर रूप रहता है, जो आपके सामने है। सबसे ज्यादा डिपार्टमेंटल एक्शन होता है, तो पुलिस डिपार्टमेंट में होता है।

 

कभी कोई राजनीतिज्ञ नहीं कहता है- ये अपराधी है, इसे छोड़ दो
डीजीपी ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय के सभागार में पिछले साल की पुलिस विभाग की उपलब्धियों, कामों, इनोवेशन और योजनाओं का लेखा-जोखा पेश करते हुए पत्रकार वार्ता करते हुए यह बात कही। उन्होंने- 2021 के मुकाबले 2022 में अपराधों के ग्राफ में बढ़ोतरी और राजनीतिक संरक्षण की चुनौती पर कहा- मुझे नौकरी के इतने साल हो गए।

कभी नहीं लगा कि कोई व्यवधान आता है। कभी कोई राजनीतिज्ञ ये नहीं कहता है कि ये अपराधी है इसे छोड़ दो, इसे मत पकड़ो। ऐसा कभी नहीं हुआ है। मैं तो अपनी बात कह सकता हूं। मैंने ऐसा अनुभव किया है, तो बाकी पुलिस अधिकारी भी अनुभव कर रहे हैं। पुलिस अधिकारी या कर्मचारी में कोई कमी होगी, तो पत्रकार भी हावी हो जाएंगे और जनता भी हावी हो जाएगी। पॉलिटीशियन अपनी जगह हैं।

महिला अत्याचार में 47 फीसदी, रेप केस 41 फीसदी झूठे
2021 के मुकाबले 2022 में 11 फीसदी से ज्यादा अपराध का ग्राफ प्रतिशत बढ़ने को डीजीपी उमेश मिश्रा ने तर्क-दोष बताया। उन्होंने कहा- क्राइम बढ़ रहा है ये कैसे कह सकते हैं। रजिस्ट्रेशन बढ़ रहा है, ये कहना चाहिए। क्राइम का रजिस्ट्रेशन बढ़ा है इसलिए ग्राफ 11 प्रतिशत से ऊपर आया है।

अगर क्राइम कुछ बढ़ता है, तो इसमें अस्वाभाविक क्या है?
डीजीपी मिश्रा बोले- अगर क्राइम भी कुछ बढ़ता है, तो इसमें अस्वाभाविक क्या है? जनता में आर्थिक गतिविधि बढ़ रही है। जनसंख्या बढ़ रही है। शहरीकरण बढ़ रहा है। ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन बढ़ रहा है। अपराध बढ़ भी रहा है ,तो इसमें क्या अस्वाभाविक है।

महिला अत्याचार में 47 फीसदी, रेप केसों में 41 फीसदी मामले झूठे
डीजीपी ने कहा- महिला अत्याचार में इन्वेस्टिगेशन के बाद 47 फीसदी मामले झूठे पाए गए हैं। इसी तरह रेप के केसों में 41 फीसदी झूठे पाए गए हैं। इन्हें डिसकाउंट करेंगे तो आंकड़े सामने आ जाएंगे।

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