November 24, 2024

नीतीश के खिलाफ बोलने वाले सुधाकर सिंह को कारण बताओ नोटिस, खरमास खत्म होते ही RJD का ऐक्शन

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 बिहार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी करने वाले पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के खिलाफ उनकी पार्टी आरजेडी ने ऐक्शन लिया है। राष्ट्रीय जनता दल के प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दिकी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पार्टी ने सुधाकर को अपना स्पष्टीकरण देने के लिए 15 दिन का समय दिया है, नहीं तो कार्रवाई के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। बता दें कि जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पिछले दिनों कहा था कि खरमास यानी मलमास खत्म होने के बाद सुधाकर के खिलाफ आरजेडी ऐक्शन लेगी।

आरजेडी ने नोटिस में सुधाकर पर गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने का आरोप लगाया। अब्दुल बारी सिद्दिकी ने कहा कि महागठबंधन के मसलों और शीर्ष नेतृत्व पर बोलने के अधिकार सिर्फ आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी के पास है। आरजेडी के नोटिस में कहा गया है कि सुधाकर सिंह के बयान उन ताकतों को बल देते हैं जो संविधान को रौंदकर न्याय, सौहार्द और समानता की पैरोकारी को खत्म करना चाहते हैं। उनके आपत्तिजनक बयानों से आरजेडी का एक बड़ा वर्ग आहत है। 

सुधाकर ने नीतीश को कहा था शिखंडी

आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे और विधायक सुधाकर सिंह लंबे समय से सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ बयान दे रहे हैं। नीतीश कैबिनेट में कृषि मंत्री रहते हुए भी उन्होंने सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए थे, जिसके बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद भी वे नहीं रुके। पिछले दिनों उन्होंने सीएम नीतीश की तुलना महाभारत के किरदार शिखंडी से कर दी थी। इसके बाद जेडीयू भड़क गई।

खरमास खत्म होते ही सुधाकर पर ऐक्शन

जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा और संजय सिंह ने तेजस्वी यागव से सुधाकर सिंह पर लगाम लगाने के लिए कहा था। तेजस्वी ने भी उनपर कार्रवाई के संकेद दिए। इसके बाद मीडिया से बातचीत में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि आरजेडी खरमास खत्म होने के बाद सुधाकर सिंह पर ऐक्शन लेगी। अब खरमास खत्म हो गया है और पार्टी ने आरजेडी की सहयोगी ने जेडीयू के दबाव के चलते सुधाकर सिंह के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
 
अब आगे क्या?

सुधाकर सिंह को पार्टी ने अपना स्पष्टीकरण देने के लिए 15 दिन का वक्त दिया है। अगर वे स्पष्टीकरण नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ आगे अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है।
 

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