अब पुलिस लेगी शिक्षकों की क्लास,सड़क हादसों पर लगाम लगाने
भोपाल
प्रदेश में सड़क हादसों और मौतों पर काबू पाने के लिए पुलिस अब स्कूल और कॉलेजों के शिक्षकों की क्लास लेगी। पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान हायर सेकेंडरी स्कूल और कॉलेजों के शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है। जिसमें पहले चरण में साढेÞ चार हजार टीचर्स को ट्राफिक रुल्स की जानकारी दी जाएगी। इसके बाद अगले चरण में फिर से दूसरे स्कूल और कॉलेजों के शिक्षकों को यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद ये टीचर्स तीन हजार स्कूल और कॉलेज में अपने विद्यार्थियों को ट्राफिक रुल्स की जानकारी देंगे। फिजिकल ट्रैनिंग टीचर्स को यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। दरअसल पीटीआरआई ने अपने शोध में पाया कि दुर्घटनाएं इसलिए हो रही हैं, क्योंकि वाहन चालकों को सही तरीके से सड़क सुरक्षा शिक्षा नहीं दी जाती है। ग्यारवीं और 12वीं कक्षा के स्कूल जाने वाले छात्रों के लिए पीटीआरआई द्वारा एक कोर्स वायर डिजाइन किया गया था, क्योंकि वे भविष्य के चालक हैं। यदि ये छात्र वाहन चलाना जानते , तो क्रैश ड्राइविंग की संभावना कम होने वाली है। शोध में यह भी पाया गया कि अधिकांश चालकों को इस बात का अंदाजा नहीं है कि साइड रोड से अपने वाहन को मुख्य सड़क पर कैसे लाया जाए। इससे हाईवे पर हादसे हो रहे हैं और लोगों की जान जा रही है। कई लोगों को ट्रैफिक नियम तोड़ने पर दिए जाने वाले जुर्माने के बारे में पता ही नहीं होता। इसकी भी जानकारी टीचर्स को इसमें दी जाएगी।
उचित प्रशिक्षण जरूरी
एडीजी पीटीआरआई जी जर्नादन ने बताया कि दुर्घटनाओं और संबंधित मौतों को कम करने के लिए, आने वाले ड्राइवरों को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए और जो ड्राइविंग की कानूनी उम्र के करीब पहुंच रहे हैं और उम्र भी हासिल कर चुके हैं। उन्हें उनके स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम की तरह ही एक उचित प्रशिक्षण दिया जाए, इसके प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए प्रदेश के 3000 से अधिक विद्यालयों में से शारीरिक प्रशिक्षण शिक्षकों तथा महाविद्यालय के लगभग 1500 शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए चिन्हित किया गया है।
बताएंगे ड्राइविंग की एसओपी
पाठ्यक्रम में शिक्षकों को ड्राइविंग की एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी। ड्राइविंग लाइसेंस सहित कागजात के साथ ड्राइविंग की तरह, बीमा पहली आवश्यकता है। रेड लाइट ट्रैफिक रूल, टर्न कैसे लें, गाड़ी कैसे पार्क करें। वाहन चलाते समय कपड़े, हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग और अन्य मुद्दे उन्हें बताएं जाएंगे।