November 28, 2024

क्या फ्लॉप हो गया KCR का मेगा शो? तेलुगू गढ़ में नहीं चली अरविंद केजरीवाल की हिंदी बोली

0

 नई दिल्ली 

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने खम्मम से हुंकार भरी। बुधवार को हुई इस महारैली में अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव समेत कई बड़े नेता शामिल हुए। अब खबर है कि तेलुगू भाषी क्षेत्र में दिल्ली, यूपी के धुरंधरों की बोली खास असर नहीं डाल सकी। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि मंच पर केसीआर का रूप भी बदला हुआ नजर आया। रिपोर्ट के अनुसार, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और सीपीआई नेता डी राजा के अंग्रेजी भाषणों का भी खम्मम में जनता पर खास असर नहीं हुआ। दोनों नेताओं ने संविधान और न्यायपालिका पर भाजपा सरकार की तरफ से 'हमले' के बारे में बात की और 'भाजपा से लोकतंत्र को बचाने' की अपील की गईं। हालांकि, उस दौरान जनता जमकर शोर के साथ केसीआर के भाषण की मांग करने लगी। इसी तरह आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल, पंजाब सीएम भगवंत मान और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने हिंदी में बात रखी। इन नेताओं को भी जनता से खास प्रतिक्रिया नहीं मिली। खबर है कि भाषणों को तब ही तरजीह मिली, जब केसीआर का जिक्र आया।  अपने चुटकुलों के लिए मशहूर मान ने यहां भी मजाकिया अंदाज में बात, लेकिन बात जनता तक प्रभावी रूप से नहीं पहुंच सकी। इसके अलावा दूसरे नेताओं ने भी भाजपा विरोधी गठबंधन तैयार करने की जरूरत की बात की, लेकिन मैदान में मौजूद जनता को सटीक संदेश नहीं पहुंच सका।

KCR और केजरीवाल को मिली जनता
खबर है कि जब केसीआर जनता से बात करने पहुंचे, तो उम्मीद की जा रही थी कि वह चिर परिचित अंदाज में भाषण देंगे। लेकिन मौका और साथ में मौजूद नेताओं को देखते हुए उन्होंने अपनी बात को बिजली, पानी जैसे मुद्दों तक सीमित कर दिया। यहां तक कि उन्होंने आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले 'जय तेलंगाना' को छोड़कर 'जय भारत' का नारा लगाया। केसीआर के अलावा केजरीवाल को ही जनता की तरफ से खास प्रतिक्रियाएं मिली। कहा जा रहा है कि आसपास के इलाकों से भी युवा आप प्रमुख को देखने के लिए पहुंचे थे।

क्या बोली जनता
रिपोर्ट के अनुसार, महबूबाबाद से एक कॉलेज छात्र वेंकन्ना ने कहा, 'वे बीआरएस को लॉन्च करने और कांति वेलुगु प्रोग्राम देखने आए थे। मुझे कुछ नहीं पता कि उन्होंने अपने भाषणों में क्या कहा। वह कुछ मोदी और भाजपा के बारे में था।' एक अन्य शख्स ने कहा, 'यह मेरी देखी हुई अब तक की सबसे बड़ी जनसभा है। 2001 में करीमनगर में टीआरएस का पार्टी लॉन्च भी तुलना में हल्का है।'
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *