चमत्कार से जोशीमठ में आई दरारें भरकर दिखाएं, फिर हम भी करेंगे नमस्कार; शंकराचार्य की बागेश्वर सरकार को चुनौती
नई दिल्ली
उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना ने सरकार से लेकर संत-महंतों तक को चिंता में डाल दिया है। इस प्राकृतिक आपदा के आगे सभी पूरी तरह लाचार दिख रहे हैं। वहीं, देशभर में आज बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) के कथित चमत्कार चर्चा का विषय बने हुए हैं। कुछ लोग उनका समर्थन कर रहे हैं तो कुछ लोग चमत्कार के दावों पर सवाल उठा रहे हैं।
अब ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कारों को चुनौती दी है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में कहा है कि चमत्कार दिखाने वाले जोशीमठ आकर धसकती जमीन रोककर दिखाएं। फिर हम उनकी जय-जयकार करेंगे, नमस्कार करेंगे। हालांकि, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने किसी का नाम तो नहीं लिया है, लेकिन साफ है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर हमला बोला है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने रायपुर में दरबार लगाकर चमत्कार दिखा रहे बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा है कि चमत्कार दिखाने वाले यदि उनके जोशीमठ के मकानों में आई दरारों को अपने चमत्कार से भर दें तो वो उनका स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि हम उनके लिए फूल बिछाएंगे कि आओ, ये जो हमारे मकानों में दरार आ गई है, हमारे मठ में आ गई है, उसे जोड़ दो।
… नहीं तो ये चमत्कार छलावा है
शंकराचार्य ने कहा कि आज सारे देश की जनता यही चाहती है कि कहीं कोई चमत्कार हो जाए। अगर किसी के पास कोई अलौकिक शक्ति आ गई है और जादूगर की तरह छड़ी घुमाकर अचानक कुछ कर सकते हैं तो जोशीमठ की जनता की भलाई के लिए कोई चमत्कार करके दिखाएं तो हम भी उनकी जय-जयकार करेंगे, नमस्कार करेंगे। नहीं तो ये चमत्कार छलावा है, इससे ज्यादा कुछ नहीं है। हम लोग तो ऐसा चमत्कार नहीं जानते।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, ''कोई ऐसा चमत्कारी पुरुष है तो धर्मांतरण रोक दे। लोगों की आत्महत्या रोक दे। लोगों के घरों में झगड़े और फसाद हो रहे हैं, सुमति ला दे। पूरा देश आकर एक-दूसरे से प्यार करने लग जाए। जो वर्गों में विद्वेष हो रहे हैं, उन वर्गों के विद्वेष रोक दे। ऐसा कुछ जनता और राष्ट्र के लिए उपयोगी चमत्कार करके दिखाए, तब हम उसको चमत्कारी पुरुष कह सकते हैं।
बता दें कि, जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना के कारण दरार आने वाली इमारतों की संख्या अब बढ़कर 863 हो गई है। इमारतों, सड़कों और सार्वजनिक सुविधाओं में दिखाई देने वाली दरारों के कारण जोशीमठ संकट में दिखाई दे रहा है। भीषण सर्दी और बर्फबारी के चलते प्रभावित परिवारों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।