October 3, 2024

वरुण गांधी के लिए अभी बंद नहीं हुए हैं कांग्रेस के दरवाजे, बहन प्रियंका दिला सकती हैं मौका

0

 नई दिल्ली
राहुल गांधी ने हाल ही में अपने चचेरे भाई और भाजपा सांसद वरुण गांधी के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि हमारी और उनकी विचारधारा अलग-अलग हैं। उनके इस बयान के बाद ऐसा माना जा रहा है कि वरुण के लिए कांग्रेस का रास्ता बंद हो गया है। हालांकि, कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि राजनीति में कुछ भी स्थाई नहीं होता है। उनके लिए अभी दरवाजा पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है।

राहुल गांधी ने वरुण गांधी से विचारधारा अलग होने की बात तो जरूर कही थी, लेकिन उन्होंने कांग्रेस में उनकी जगह को लेकर साफ-साफ कुछ भी नहीं कहा था। रही बात विचारधारा की तो राजनीति में इसके बदलते देर नहीं लगती है। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले इसका उदाहरण हैं। पटोले कांग्रेस में शामिल होने से पहले भाजपा की विचारधारा के साथ चल रहे थे। वहीं, आज कांग्रेस के कई बड़े नेता भाजपा में शामिल होने के बाद बड़े पदों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। ऐसे में वरुण गांधी को अपनी विचारधारा बदलने में कितनी देरी होगी।

राहुल गांधी की तरह वरुण गांधी भी इंदिरा गांधी के पोते हैं। चार दशक पहले कुछ मतभेदों के कारण उनकी मां मेनका को परिवार से दूर रहना पड़ा है। मेनका अपने राजनीतिक भविष्य के लिए भाजपा में शामिल हुईं। वरुण गांधी ने भी अपने करियर की शुरुआत बीजेपी से की थी क्योंकि उनके लिए कांग्रेस के दरवाजे बंद थे। राहुल गांधी और वरुण गांधी दोनों 2004 में राजनीति में शामिल हुए। तीन बार के सांसद वरुण गांधी ने अब तक कभी भी अपनी चाची सोनिया गांधी, चचेरे भाई राहुल-प्रियंका की आलोचना नहीं की है। उन्होंने कांग्रेस पर भी हमला नहीं किया।

वरुण गांधी के भाजपा के साथ संबंध हाल के दिनों में काफी खराब हुए हैं। पिलीभीत सांसद ने लगातार अपनी ही सरकार पर जोरदार हमला किया। उनके बदले हुए तेवर के बाद बीजेपी से उनकी राह अलग होने को लेकर कयास लगाए जाने लगे। उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगीं। राहुल के बयान के बाद इसपर विराम भी लगा, लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि प्रियंका गांधी की उनसे बातचीत चल रही है। पहले तो दोनों की बातचीत सिर्फ पारिवारिक मामलों पर होती थी, लेकिन अब राजनीति हालातों पर भी दोनों एक-दूसरे के साथ विचार साझा करने लगे हैं।

वरुण गांधी बीजेपी नेता से पहले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पोते हैं। यूपी चुनाव के बाद से वरुण गांधी महंगाई, किसानों के मुद्दों और बेरोजगारी को मुद्दा बनाकर केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। हालांकि, इस दौरान उन्होंने बीजेपी के किसी भी नेता का नाम नहीं लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी में से किसी को भी अपनी कैबिनेट में जगह नहीं दी।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed