हेडलाइन: टीकमगढ़ जिले की ग्राम पंचायत पिपरा बिलारी मैं मुख्यमंत्री भू अधिकार योजना की सूची भ्रष्टाचार में फसी
टीकमगढ़
जिले के अंतर्गत विकासखंड बल्देवगढ़ की ग्राम पंचायत पिपरा बिलारी में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार देखने को मिला है, जो भ्रष्टाचार के बोझ को झेलते हुए गरीब असहाय लोग अब सड़कों पर आ गए हैं, आपको बता दें कि किसी योजना को लागू करने एवं प्रचार-प्रसार करने में काफी खर्च होता है, लेकिन जो योजनाएं गरीबों के लिए बनी है वह उन तक बिना भ्रष्टाचार के पहुंच नहीं पाते हैं, मामला पूरा यह है कि मुख्यमंत्री आवासीय भू अधिकार योजना की शुरुआत अभी टीकमगढ़ जिले से कुछ दिनों पहले ही शुरू की गई थी लेकिन कुछ ही दिन बीतने के बाद अब यह योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है, आपको बता दें कि यहां पटवारी की लापरवाही और भ्रष्टाचार से लोग त्रस्त आ चुके हैं, अभी कुछ ही दिन पहले पटवारी साहब ने असहाय गरीब पात्र लोगों को छोड़कर, अपात्र व्यक्तियों से पैसे वसूल कर उन्हें गलत तरीके से पात्र कर भ्रष्टाचार में उन्होंने सबसे पहले अपना नाम रोशन कर लिया है, मतलब यह है कि आप भू आवासीय योजना के पट्टे ऐसे दिए जा रहे हैं जैसे पटवारी साहब अपने निजी घर की जमीन लोगों को विक्रय कर रहे हो और कह रहे हो कि जिसके पास पैसा हो तो ले जाइए, वरना ऐसे ही बैठे रहोगे जनता की माने तो पटवारी ने पंचायत में यह नियम लागू कर दिया है कि ₹5000 लाओ और पटा ले जाओ, इतना ही नहीं ग्राम पंचायत सरपंच और सचिव कमलेश यादव ने इसका विरोध किया लेकिन सुनने वाला कौन, यहां तो साहब की अपनी मर्जी चलती है, इसी के विरोध में शुक्रवार को लोग सड़कों पर आ गए और प्रशासन से भ्रष्टाचार मुक्त पंचायत बनाने की मांग तक कर डाली, और जब मीडिया के द्वारा इस संबंध में पटवारी से बात करनी चाहिए तो बिना कुछ जवाब दिए फोन बंद कर लिया गया, माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी का सपना था कि प्रत्येक गरीब परिवार तक इसका निशुल्क लाभ पहुंचे, लेकिन अब यह गरीबों का हक पैसों में बिकने लगा है और अब गरीब इस हक को खरीदने में बिबस लाचार और मजबूर है और इसमें सिर्फ पैसे वाले ही बोली लगाकर मनमाने तरीके से पटवारी महोदय से पट्टे खरीदने की होड़ में लगे हुए और असहाय गरीब लोग योजना से वंचित ही किए जा रहे हैं अब हम ग्राम पंचायत पिपरा बिलारी में मुख्यमंत्री भू अबासीय योजना के पट्टा में होने वाले भ्रष्टाचार का डीएनए टेस्ट करेंगे और बताएंगे कि पटवारी और ग्राम पंचायत प्रशासन द्वारा की गई गलतियों से पूरी ग्राम पंचायत के लोग परेशान हैं यह भू अधिकार पट्टों की सूची बिना जांच के कैसे पात्र अपात्र कर दी गई है, ये भ्रष्टाचार वाली सूची जिले के भ्रष्ट तंत्र का सबसे बड़ा उदाहरण है, कि माननीय मुख्यमंत्री महोदय को घोषणा के कुछ ही दिन हुए हैं लेकिन यह भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारी सही नियत से काम करने में ज्यादा दिन टिक नहीं पाए, उन्हें भ्रष्टाचार करने की लत लग चुकी है, अब यह उनसे पीछा नहीं छूटा पा रही, यह भ्रष्टाचार बाला वायरस कोरोना वायरस से कहीं ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि कोरोना वायरस की चपेट में आने से तो लोग जैसे-तैसे बच गये, लेकिन कर्मचारियों की लैब में तैयार किया गया इस भ्रष्टाचार रूपी वायरस से गरीबों का बचना मुश्किल सा होता जा रहा है, ग्राम के लोगों की मांग है कि सूची की जांच होनी चाहिए और जिन कर्मचारियों द्वारा लापरवाही और भ्रष्टाचार किया गया है उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और लोगों का कहना है कि यदि जांच कर उचित कार्यवाही नहीं की गई तो लोग जिला प्रशासन के समक्ष भूख हड़ताल करने को विवश होंगे, जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी, और उनका कहना है कि यदि इस भ्रष्टाचार को समय पर नहीं रोका गया तो यह गरीब लोगों के लिए बड़ी चुनौती बन जाएगी और प्रत्येक ग्राम पंचायतों का यही हाल होगा, इसलिए इस अपराध को संज्ञान में लेकर उचित कार्यवाही हो जानी चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं उत्पन्न ना हो, और अब इस प्रकार की घटनाओं से सवाल उठता है कि अन्य दूसरे देशों की लैब में तैयार हो रहे वायरस से तो हमारा देश निपटने में सक्षम है और हम निपट लेंगे, लेकिन यह हमारे ही देश की लैब में तैयार किया जा रहा यह भ्रष्टाचार रूपी वायरस से आखिर हम और गरीबों को कैसे बचा पाएंगे, इसलिए आज हम आप को समझाने की कोशिश करेंगे कि देश की आम जनता को इंसाफ मिलने के आखिर कितने चांस है, आपने कभी सोचा कि, यदि आम इंसान इस भ्रष्ट कर्मचारियों का शिकार बन जाए, कोई परिवार इसका शिकार बन जाए, तो उसे इंसाफ कैसे मिलेगा क्योंकि कुछ अधिकारी भी इनके साथ मिले होते हैं और कुछ नेता भी, सबसे पहले इस घटना के 4 किरदारों को समझ लीजिए, पहला किरदार है वह कर्मचारी जिसने गरीब लोगों के साथ यह धोखा किया है, दूसरा किरदार है उस ग्राम पंचायत के कर्मचारी जिन्होंने ऐसा होने दिया और उस सूची को अपनी सहमति प्रदान की, तीसरा किरदार में उनके वरिष्ठ अधिकारी जिन की शरण में बे फलते फूलते हैं, और दूसरी ओर चौथा किरदार उन ईमानदार गरीब लोगों का है जो अपनी ईमानदारी की कीमत अपना कीमती समय निकालकर अपने हक के साथ-साथ दूसरों के हक के लिए लड़ते हैं और भ्रष्टाचारियों की पोल खोलते हैं, इस 4 किरदारों पर ही हमारे देश की पूरी न्यू टिकी हुई है।