October 4, 2024

पुणे: 5 दिन में नदी में मिली परिवार के 7 लोगों की लाश, मास सुसाइड का शक

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  पुणे
    

महाराष्ट्र के पुणे जिले में एक ही परिवार के 7 सदस्यों के शव नदी में मिलने के बाद हड़कंप मच गया. चौंकाने वाली बात ये है कि ये शव एक एक करके 5 दिन में नदी में अलग अलग जगहों पर मिले. पुलिस के मुताबिक, 18 जनवरी से 22 जनवरी तक नदी से चार शव मिल. जबकि तीन शव मंगलवार को मिले. पुलिस ने मास सुसाइड की आशंका जताई है. हालांकि, पुलिस सभी एंगल से जांच कर रही है.

मामला महाराष्ट्र के पुणे से करीब 45 किमी दूर दौंड तहसील के यवत गांव का बताया जा रहा है. यहां भीमा नदी पर परगांव पुल के पास 18 से 22 जनवरी के बीच चार शव मिले थे. जबकि मंगलवार को 3 शव मिले. पुलिस के मुताबिक, ये शव नदी में अलग अलग जगहों पर मिले. पुलिस के मुताबिक, सभी मृतक एक ही परिवार के हैं. सभी एंगल में जांच की जा रही है. पुलिस को सामूहिक आत्महत्या की भी आशंका है. शवों के शरीर पर कोई चोट का निशान नहीं मिला है.

डूबने से हुई मौत

पुलिस ने मृतकों की पहचान मोहन पवार (45), उसकी पत्नी संगीता मोहन (40), उनकी बेटी रानी (24), दामाद श्माम, और उनके तीन बच्चों के तौर पर की है. बच्चों की उम्र 3 से 7 साल के बीच में है. पुलिस के मुताबिक, सभी के शव भीमा नदी में पानी के बहाव में 200-300 मीटर की दूरी पर मिले हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डूबने से मौत की पुष्टि हुई है. हालांकि, शरीर में चोट के निशान मिले हैं. पुलिस ने दुर्घटना से मौत का मामला दर्ज किया. पुलिस के मुताबिक, आत्महत्या से लेकर सभी एंगल में जांच की जा रही है.
 
मोबाइल डिटेल से हुआ खुलासा

पुणे ग्रामीण एडिशनल एसपी आनंद भोईटे का कहना है कि भीमा नदी में शव मिलने का सिलसिला चल रहा था. ये शव किसके हैं, इसको लेकर पुलिस और स्थानीय लोगों में कन्फ्यूजन बना हुआ था. पुलिस ने जब इस मामले की जांच की और मोबाइल डिटेल खंगाला गया तो पता चला कि शव एक ही परिवार के हैं. पुलिस का कहना है कि आज पुणे के पास अहमदनगर जिले के पारनेर के निगोज गांव में 7 लोगों के गुमशुदा होने की बात सामने आई थी, इसके बाद जांच की गई तो शव मिलने की जानकारी मिली. बताया जा रहा है कि इस परिवार के एक युवक का शादीशुदा महिला से अफेयर था. वह महिला के साथ कहीं चला गया है. फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है.

दिल्ली के बुराड़ी में भी 1 घर में मिली थीं 11 लाशें

दिल्ली के बुराड़ी की संत नगर कॉलोनी में जून 2018 में एक परिवार के 11 लोगों की लाशें मिली थीं. ये लोग छत पर फंदे से लटके मिले थे. पुलिस को शुरुआत में मामला हत्या का लगा, लेकिन बाद में जांच में पता चला कि अंधविश्वास के चलते सभी ने सुसाइड किया. दरअसल, परिवार के छोटा बेटा पिता की मौत के बाद अवसाद में था. वह दावा करता था कि उसके शरीर में पिता की आत्मा आती है. वह इस दावे के आधार पर एक डायरी में परिवार से पिता का हवाला देकर कुछ बातें नोट करवाता था. उसने परिवार से कहा कि वे अनुष्ठान करेंगे और सभी लोग फंदे पर लटकेंगे. इसके बाद मृत पिता की आत्मा उन्हें बचा लेगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और सभी की जान चली गई. पुलिस ने इस मामले को दुर्घटना करार दिया था.

भारत में तेजी से बढ़ रहे मास सुसाइड के मामले

एनसीआरबी की रिपोर्ट (2022) के मुताबिक, देश में मास सुसाइड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. 2021 में 131 मास सुसाइड के मामले आए, इनमें 340 लोगों की मौत हुई. जबकि 2020 में 121 मामले सामने आए, इनमें 272 लोगों की मौत हुई. 2019 में 72 मामलों में 180 लोगों की मौत हुई. 2018 में 64 मामलों में 173 लोगों की मौत हुई थी. पिछले कुछ समय में आर्थिक परेशानी, कर्ज से परेशान होकर भी मास सुसाइड के मामलों में तेजी देखी गई है.

 

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