ओरछा, मांडू, सतपुड़ा और भेड़ाघाट यूनेस्को की टेंटेटिव लिस्ट में शामिल, बन सकते हैं वर्ल्ड हेरिटेज
भोपाल
यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल में शामिल होने के लिए मध्यप्रदेश के चार पर्यटन स्थलों की दावेदारी मजबूत हो गई है। इनमें सांस्कृतिक सूची में ओरछा, मांडू और प्राकृतिक सूची में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और मिश्रित सूची में जबलपुर का भेड़ाघाट-लम्हेटाघाट शामिल हैं।
चारों स्थान यूनेस्को की टेंटेटिव लिस्ट में शामिल हो चुके हैं। अब अगले कुछ साल स्थायी विश्व विरासत स्थल घोषित करने की प्रक्रिया चलेगी। मप्र में पहले से तीन विश्व विरासत स्थल हैं, इनमें सांची बौद्ध स्तूप, भीमबैठका रॉक शेल्टर और खजुराहो के मंदिर शामिल हैं।
संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला के अनुसार सरकार ने हाल में ओरछा की ऐतिहासिक स्थापत्य कला का विश्व विरासत स्थल का डिटेल डॉजियर भारत सरकार के माध्यम से यूनेस्को के पास जमा कराया है। संस्कृति विभाग अब मांडू का डॉजियर तैयार करा रहा है।
ओरछा : 2019 की टेंटेटिव लिस्ट में शामिल हुआ। बेतवा किनारे बसे इस छोटे से शहर में रामराजा मंदिर के अलावा अद्वितीय स्थापत्य कला के प्रतीक चतुर्भुज मंदिर, महल, छतरियां और उनमें वाल पेंटिंग मौजूद है।
जानिए…कहां-क्या खास
मांडू – 1998 से यूनेस्को की टेंटेटिव लिस्ट में शामिल है, लेकिन मप्र सरकार की ओर से अभी तक डॉजियर जमा नहीं किया जा सका। यहां जहाज महल, रूपमती का हिंडोला, होशंगशाह का मकबरा समेत उत्तर मध्यकाल के अनेक ऐतिहासिक महत्व के स्मारक हैं।
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व – 2021 की टेंटेटिव लिस्ट में शामिल। यह नेशनल पार्क भारत में टाइगर की आबादी का सबसे रिचेस्ट हैबिटेट होने के साथ ही 14 प्रजाति के लुप्तप्राय वन्यजीवों और 300 प्रजाति के पक्षियों का घर है। यह बायोस्फियर रिजर्व है। हजारों वर्ष पुराने शैलचित्र हैं।
भेड़ाघाट-लम्हेटा घाट – 2021 की टेंटेटिव लिस्ट में शामिल। संगमरमर की चट्टानों के लिए विख्यात है। यहां विश्वविख्यात धुंआधार जलप्रपात है। इसी के पास लम्हेटा घाट है। जो ठंड में प्रवासी पक्षियों का आश्रय स्थल है।