September 23, 2024

 गोरोचन से आपके सुधरे हर कार्य,जानिए क्या है गोरोचन क्या है और फायदे

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तांत्रिक ग्रंथों में अक्सर एक वस्तु का नाम कई जगह पढ़ने-सुनने को मिलता है। वह वस्तु है गोरोचन। क्या आप जानते हैं यह गोरोचन है क्या? और इसकी इतनी चर्चा क्यों होती है? यह किस काम आता है? आइए आज जानते हैं गोरोचन क्या है और गोरोचन के फायदों बारे में :

    गोरोचन दरअसल एक ऐसी सिद्ध वस्तु है जिसका प्रयोग अनेक कार्यों में किया जाता है। धन, संपत्ति, सुख, समृद्धि, जमीन में गड़े धन का पता लगाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है, परंतु इसका सबसे ज्यादा प्रयोग वशीकरण में किया जाता है। इसका तिलक करने से तीव्र वशीकरण और आकर्षण भी प्राप्त होता है।

गोरोचन क्या है ?

गोरोचन पीले रंग का सुगंधित पदार्थ होता है जिसमें थोड़ी सी मात्रा में लालिमा होती है। यह मोम की तरह होता है और ये सूखने पर कड़ा हो जाता है। इसे गो पित्त भी कहते है क्योंकि यह गाय के पित्त में बनने वाला एक प्रकार का पत्थर है, जिसे किसी गाय के मृत्यु के बाद निकाला जाता है। गोराचन सभी गायों में नहीं पाया जाता है। कुछ विशेष परिस्थितियों में ही यह गायों के पित्त में बनता है। ज्ञानी व्यक्ति ही पता लगा सकते हैं कि ये किस गाय में बन रहा है। बाजार में यह पूजा-पाठ के दुकान पर मिल जाता है। परंतु इसे पाने के लिए गाय का वध करना वर्जित है।

गोरोचन का उपयोग कैसे करें ?

गोरोचन को बाजार से लाकर सीधे उपयोग नहीं किया जाता है। अपितु इसे सिद्ध करना होता है, तभी यह अपना असर दिखाता है। गोरोचन को रवि पुष्य नक्षत्र में ही सिद्ध किया जाता है। जिस रविवार को पुष्य नक्षत्र होता है उसी दिन नहाकर अपने पूजा स्थान पर बैठकर सोना या फिर चांदी की कटोरी, डिबिया या छोटे पात्र में गोरोचन को रखकर उसका पंचोपचार पूजन करें। इसके बाद दो मंत्रों का एक-एक माला जाप कर लीजिए ।

गोरोचन पूजा विधि मंत्र

    “ऊं शांति शांत: सर्वारिष्टनाशिनि स्वाहा:”
    “ऊं श्रीं श्रीयै नम:”

गोरोचन के फायदे

गोरोचन के कई फायदे है। आइये जानते है गोरोचन के कुछ विशेष चमत्कारी फायदों के बारे में

    गोरोचन के बहुत से उपयोग हैं जिनमें से सबसे ज्यादा प्रसिद्ध प्रयोग वशीकरण का है। यदि आप अपने आकर्षण के प्रभाव में वृद्धि करना चाहते हैं। तो आप इसका उपयोग कर सकते है । यदि आप किसी स्त्री या फिर पुरुष को अपने वशीभूत करना चाहते हैं तो गोरोचन के साथ सिंदूर और केसर को बराबर मात्रा में मिलाकर एक चांदी के डिबिया में भरकर रख लीजिए । रोज सूर्योदय के समय इसका तिलक करने से, आपके वशीकरण के प्रभाव में जबरदस्त तरीके से वृद्धि होगी।

    आर्थिक स्थिति सुधारने और धन-धान्य की प्राप्ति के लिए गोरोचन को एक चांदी के डिबिया में भरकर अपने पूजा स्थान पर रख लीजिए, और रोज देवी-देवताओं की तरह इसकी भी पूजा करें। इससे घर में बरकत हो सकती है। घर में अगर कोई वास्तु दोष है तो वो भी दूर हो जाता है। इससे घर में पॉजिटिव ऊर्जा का प्रवाह होता है।

    घर में कोई सदस्य बीमार है तो रविवार या मंगलवार के दिन एक छोटा चम्मक गुलाब जल में थोड़ा सा गोरोचन मिलाकर उस व्यक्ति को पिला दें। गोरोचन का तिलक प्रतिदिन बीमार व्यक्ति को लगाएं तो जल्द ही वह स्वस्थ होने लगेगा।

    मिर्गी या फिर हिस्टीरिया के मरीज को गुलाबजल में थोड़ा सा गोराचन घिसकर तीन दिन लगातार पिलाने से रोग में आराम मिल सकता है। परंतु यह उपयोग किसी जानकार की देखरेख में ही आप करें।

    समस्त कामनाओं के पूर्ति के लिए गोरोचन को रवि पुष्य नक्षत्र में पंचोपचार पूजन कर चांदी या फिर तांबे के ताबीज में भरकर अपने गले में पहन लें। इससे आपके कार्यों में आने वाली बाधाएं समाप्त हो जाएगी और आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी ।

    गोरोचन की स्याही बनाकर इससे भोजपत्र पर मोर पंख की पेन से सिद्ध बीसा यंत्र लिखकर पंचोपचार पूजन करके चांदी के ताबीज में बांधकर अपने पास रख लें। इससे आर्थिक संकट दूर हो सकता है।

    कुछ तांत्रिक लोग गोरोचन का उपयोग जमीन में गड़ा धन पता लगाने के लिए भी करते हैं। इसके लिए अमावस्या की रात में निर्जन जगह पर गोरोचन को विशेष साधना के जरिए सिद्ध कर लिया जाता है और फिर विशेष पद्धति से इसका काजल बना लिया जाता है। जो लोग उस काजल को अपनी आंख में लगाते है उनमें जमीन में दबा धन पता करने की शक्ति आ जाती है।

    केले में गोरोचन को मिलाकर लेप बना लें और इसे मस्तक पर लगाए इससे आकर्षण शक्ति प्राप्त होती है।

 

 

 

 

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