November 25, 2024

Budget 2023: कौन और कैसे तैयार होता है देश का बजट, बहुत ही गुप्त रहती है पूरी प्रक्रिया

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  नई दिल्ली 

 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को 2023-24 के लिए यूनियन बजट पेश करेंगी। टैक्सपेयर समेत अलग-अलग क्षेत्र के लोग सरकार से बेहतर बजट की उम्मीद कर रहे हैं। आज हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि जिस बजट की चर्चा पूरे देश में होती है और हो रही है आखिर उसे तैयार कैसे किया जाता है और उसमें किसकी भूमिका अहम होती है। बजट जरूर वित्त मंत्री की ओर से पेश किया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है कि वित्त मंत्रालय अकेले ही बजट को तैयार करता है। भारत का आम बजट कई विभागों के आपसी विचार-विमर्श के बाद तैयार किया जाता है।
 
बजट की तैयारी शुरू करने के लिए वित्त मंत्रालय की ओर से सभी मंत्रालयों, केंद्र शासित प्रदेशों और ऑटोनॉमस बॉडी को एक सर्कुलर जारी किया जाता है। इसके बाद विभाग अपनी-अपनी जरूरतों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करते हैं और वित्त मंत्रालय को भेजते हैं। इस रिपोर्ट में वो अपने फंड और योजनाओं के बारे में वित्त मंत्रालय को बताते हैं। हर मंत्रालय इसी प्रक्रिया से गुजरते हैं और अपनी योजनाओं के लिए फंड की डिमांड करते हैं। मंत्रालयों की ओर से रिपोर्ट भेजे जाने के बाद वित्त मंत्रालय एक बैठक करता है। बजट तैयार करने की प्रक्रिया अगस्त-सितंबर में ही शुरू हो जाती है।

बजट तैयार करने से पहले बैठक करता है वित्त मंत्रालय
बैठक का मुख्य उद्देश्य बजट को लेकर ब्लूप्रिंट तैयार करने होता है। क्योंकि सरकार के पास सीमित फंड होने की वजह से वित्त मंत्रालय सभी की मांग को पूरा नहीं कर सकता है, ऐसे में बैठक कर मंत्रालयों से बातचीत की जाती है और प्रक्रिया आगे बढ़ती है। वित्त मंत्रालय और बाकी मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ यह बैठक इस लिए भी अहम होती है क्योंकि इसमें वो अपने विभाग के लिए फंड की जरूरतों के बारे में बताते हैं। बजट को तैयार करने में वित्त मंत्रालय की तो अहम भूमिका रहती ही है साथ में नीति आयोग, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के अलावा सरकार के कई अन्य मंत्रालय भी शामिल रहते हैं।

बहुत गोपनीय तरीके से तैयार किया जाता है बजट
यह बात सही है कि बजट को तैयार करने का काम वित्त मंत्रालय के अधिकारी और कर्मचारी ही करते हैं। बजट तैयार करने का काम काफी गोपनीय तरीके से होता है। इसके दस्तावेज को बहुत ही गोपनीय रखा जाता है। बजट को तैयार करने वाले वित्त मंत्रालय के टॉप अधिकारियों समेत, अधीनस्त कर्मचारी, स्टेनोग्राफर्स, टाइपराइटर्स और प्रिंटिग प्रेस के कर्मचारियों को यह काम दफ्तर में ही बैठक कर करना होता है। उनके रहने और खाने की पूरी व्यवस्था दफ्तर में ही की जाती है। गोपनीयता का ख्याल इस तरह से रखा जाता है कि कर्मचारी और अधिकारी अपने परिवार से भी बात भी नहीं कर पाते हैं। सरकार की ओर से बजट तैयार करने वालों पर कड़ी नजर भी रखी जाती है। बताया जाता है कि बजट पेश से होने मात्र दो दिन पहले घोषणाओं को छपने के लिए भेजा जाता है।

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