CM की कुर्सी बचाने के लिए नीतीश ने रखी महागठबंधन की नींव, प्रशांत किशोर ने किया दिल्ली वाली डील का खुलासा
गोपालगंज
चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार महागठबंधन को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होने कहा कि उन्होंने कहा कि मार्च 2022 में ही दिल्ली में नीतीश कुमार ने मुझे बताया था कि महागठबंधन बनाने जा रहे हैं। और शामिल होने के लिए आग्रह भी किया था। उनका मानना था कि यदि वे बीजेपी के साथ रहते हैं तो 2024 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सबसे पहले बीजेपी उन्हें हटाकर देगी। और बीजेपी का सीएम बना देगी। अपनी कुर्सी सुरक्षित रखने के लिए उन्होने महागठबंधन की नींव रखी।
सीएम की कुर्सी बचाने के लिए महागठबंधन
प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार इसलिए तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की बात कह रहे हैं। ताकि 2025 के बाद बिहार में खराब शासन व्यवस्था बने और बिहार की जनता ही कहे कि इससे बढ़िया तो नीतीश कुमार ही थे। 2025 तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर सुरक्षित रहने के लिए महागठबंधन के साथ चले गए। नीतीश कुमार का जनता के प्रति गुस्सा है कि उन्होंने इतना काम किया और इसके बावजूद जनता ने उन्हें सिर्फ 43 सीटें दी। नीतीश कुमार इसलिए चाहते हैं कि लालू यादव का जंगलराज फिर से बिहार में लौट आए और जनता नीतीश कुमार को फिर इसी बहाने याद करे।
कितनी बार मिले लालू-नीतीश?
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि जो महागठबंधन 2015 में हमने बनवाया था, तो मैं जानता हूं कि उसे बनाने और चलाने में क्या-क्या समस्याएं और परेशानियां आईं। 2015 में तीन दलों का महागठबंधन था। आज सात दलों का महागठबंधन है और कोई भी ऐसा आदमी नहीं है जो सात दलों के नेताओं को साथ बैठाकर बात कर सके। नीतीश कुमार में तो वह काबिलियत कभी रही ही नहीं है। पूरे महागठबंधन बनाने की प्रक्रिया में लालू- नीतीश कितनी बार मिले हैं? आप रिकॉर्ड देख लीजिए। नीतीश कुमार और लालू यादव तो साथ में बैठकर बात भी नहीं कर सकते हैं। ये लोग कैसे महागठबंधन चलाएंगे। आपको बता दें प्रशांत किशोर की जन सुराज पदयात्रा के 118वें दिन गोपालगंज के खलगांव पंचायत में पहुंचे थे।