November 24, 2024

सीरियल ड्रोन हमलों से दहला ईरान, मिलिट्री फैक्ट्री में जोरदार धमाका

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ईरान 

ईरान के मध्य शहर इस्फ़हान में मिलिट्री उपकरणों का निर्माण करने वाली एक फैक्ट्री पर शनिवार देर रात ड्रोन से हमला किया गया। इस हमले के बाद फैक्ट्री में जोरदार धमाका हुआ है। फिलहाल, मामूली नुकसान की खबर है। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी IRNA ने रविवार तड़के यह जानकारी दी। एजेंसी ने रक्षा मंत्रालय के एक बयान के हवाले से बताया कि इस्फ़हान में रक्षा उपकरणों का निर्माण करने वाली एक कंपनी को शनिवार देर रात तीन ड्रोन विमानों ने निशाना बनाया। बयान के मुताबिक, हमले में कंपनी की छत को मामूली नुकसान पहुंचा। इसमें बताया गया है कि बाद में ईरान की वायु रक्षा प्रणालियों ने तीनों ड्रोन को मार गिराया। हालांकि, ईरानी रक्षा मंत्रालय ने यह नहीं बताया कि ड्रोन हमले के पीछे किसका हाथ होने का संदेह है लेकिन आशंका जताई जा रही है कि इस हमले के पीछे नाटो देशों का हाथ है।

वहीं, ईरान के सरकारी टेलीविजन चैनल ने कहा कि उत्तर-पश्चिमी शहर तबरीज़ के पास एक औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक तेल रिफाइनरी में शनिवार रात भीषण आग लग गई। चैनल ने रिफाइनरी में आग बुझाने की कोशिश करते दमकल कर्मियों के वीडियो प्रसारित किए। उसने कहा कि आग लगने की वजह फिलहाल पता नहीं चल सकी है।

ईरान और इज़राइल के बीच लंबे समय से एक छद्म युद्ध चल रहा है। हाल के वर्षों में ईरान के कई सैन्य और परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया है। पिछले साल ईरान ने कहा था कि राजधानी तेहरान के पूर्व में स्थित उसके परचिन सैन्य एवं हथियार उत्पादन केंद्र पर हुई एक संदिग्ध घटना में एक इंजीनियर मारा गया था और एक अन्य कर्मी घायल हो गया था। 

ईरान के रक्षा मंत्रालय ने इसे एक संदिग्ध घटना बताया था। उसने घटना के बारे में कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं दी थी। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) को संदेह है कि ईरान परचिन स्थित अपने सैन्य अड्डे में उन विस्फोटकों का परीक्षण करता है, जिनका इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने के लिए किया जा सकता है।

अप्रैल 2021 में, ईरान ने इज़राइल पर अपने भूमिगत नतांज परमाणु प्रतिष्ठान पर हमले का आरोप लगाया था, जिसमें उसके अपकेंद्रण यंत्र (सेंट्रिफ्यूज) क्षतिग्रस्त हो गए थे। हालांकि, इज़राइल ने ईरान के आरोपों को खारिज किया था। 2020 में ईरान ने उस हमले के पीछे इज़राइल का हाथ बताया था, जिसमें देश का शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मारा गया था। 

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