मंदसौरऔर गुना में तेज बारिश के साथ गिरे ओले, फसलों को हुआ नुकसान, 16 जिलों में बरसात होने की सम्भावना
भोपाल
मध्यप्रदेश में ठंड के मौसम के बीच कुछ-कुछ इलाकों में बारिश भी हो रही है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिन बारिश का दौर जारी रह सकता है। इस दौरान भोपाल, ग्वालियर-चंबल समेत प्रदेश के 16 जिलों में बरसात होने की सम्भावना है।
इससे पहले ग्वालियर में दो दिन बाद रविवार को बारिश हुई। इंदौर में भी देर रात कहीं-कहीं पानी गिरा। गुना के मधुसूदनगढ़ इलाके की गादेर पंचायत में रविवार शाम ओले गिरे। श्योपुर में आज सुबह बारिश हुई। मौसम विभाग के मुताबिक 31 जनवरी तक इसी तरह का मौसम बना रहेगा। 1 फरवरी से न्यूनतम तापमान में गिरावट होगी। मंदसौर गरज चमक के साथ हुई ओलावृष्टि व बारिश से संतरा, लहसुन, गेहूं सहित अन्य फसलों को नुकसानी की आशंका जताई जा रही है।
मध्यप्रदेश में फिलहाल कड़ाके की ठंड नहीं पड़ रही है। खंडवा-मंडला में दिन का पारा 32 डिग्री के पार पहुंच चुका है। नर्मदापुरम, खरगोन, दमोह, उमरिया में तापमान 30 डिग्री से ज्यादा है। कई शहरों में रात का पारा 14 डिग्री से ज्यादा है। लेकिन, दो दिन बाद पारे में गिरावट आ सकती है। इससे ठंड बढ़ जाएगी।
मंदसौर जिले के कई हिस्सों में मौसम बिगड़ गया है। रविवार-सोमवार की दरमियानी रात में बारिश के साथ ओले भी गिरे। गरज चमक के साथ हुई ओलावृष्टि व बारिश से संतरा, लहसुन, गेहूं सहित अन्य फसलों को नुकसानी की आशंका जताई जा रही है। रविवार-सोमवार की दरमियानी रात लगभग 12 बजे से जिले के मल्हारगढ़, पिपलियामंडी, सीतामऊ सहित अन्य क्षेत्रों में बारिश शुरू हो गई थी। तितरोद, खेतखेड़ा, संजीत सहित अन्य क्षेत्रों में में जोरदार बारिश के साथ ओलावृष्टि भी कई जगह हुई है।
किसानों का अनुमान है कि इससे अफीम, गेहूं, संतरे सहित कई फसलों में भारी नुकसान हुआ है। जिले के मौसम में बदलाव का असर देखा जा रहा है। रविवार शाम को भी दलौदा सहित अन्य क्षेत्रों में करीब 10 मिनट तक मावठा गिरा था। मौसम विभाग का कहना है कि प्रेरित चक्रवातीय परिसंचरण दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान के ऊपर समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई तक सक्रिय है। 2 फरवरी से अगले पश्चिमी विक्षोभ के प्रभावी होने की संभावना है। फिलहाल मौसम में बदलाव देखा जा रहा है। इसके चलते ही रविवार-सोमवार की दरमियानी रात में जिले के कई क्षेत्रों बारिश हुई। सोमवार सुबह भी बारिश का दौर जारी था। मावठा किसानों के लिए चिंता खड़ी कर रहा है। अन्य फसलों के अलावा अफीम के लिए मावठा नुकसानदायक साबित होगा।