संघ के दो पथसंचलनों का संगम आकर्षण का केंद्र बना
राजनांदगांव
अगले दो वर्षों में 100 वर्ष पूर्ण करने जा रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक राजनंदगांव जिले का वृहद पथ संचलन नगर में आयोजित किया गया। जिसकी रचना दो प्रकार से हुई थी नगर के स्वयंसेवकों का संचलन उदयाचल से निकला वहीं दूसरी ग्रामीण क्षेत्र से आए हुए स्वयंसेवकों का संचलन स्टेट स्कूल मैदान से निकाला। यह दोनों संचलन में स्वयंसेवकों के इतने कदमताल मिले कि दोनों ही संचलन का ठीक एक समय पर गंज चौक में संगम हुआ जो कि आकर्षण का केंद्र बना।
पथसंचलन का स्वागत कई स्थानों पर पुष्पवर्षा से हुआ। संचलन में बाल स्वयंसेवक भी आकर्षण का केंद्र रहे। पथ संचलन के उपरांत बौद्धिक कार्यक्रम में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं सिख समाज से करनैल सिंह जी भाटिया ने बताया कि हम वर्णों में बैठे हुए थे गुरु गोविंद सिंह जी ने सबको एक कर के सिख धर्म की स्थापना की और उसे हमने दिनचर्या में लाया। जब देश में अंग्रेजों का शासन काल था और आक्रमण हुआ करते थे तब युद्ध शस्त्रों से लड़े जाते थे पर आज वैचारिक युद्ध की लड़ाई हो रही है। जिसमें शस्त्र का नहीं विचारों का प्रयोग हो रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिस नीति से कार्य कर रहा है उसकी आज सबसे ज्यादा आवश्यकता है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता छत्तीसगढ़ के सह प्रांत प्रचारक नारायण नामदेव ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ऐसी भूमि है जहाँ राम, कृष्ण, मां बमलेश्वरी, गौतम बुद्ध, महावीर जी, गुरु गोविंद सिंह जी ने जन्म लिया। ऐसी भूमि है जहाँ समर्थ गुरु रामदास, रामकृष्ण, रामकृष्ण परमहंस, चाणक्य जैसे गुरु मिले जिनके शिष्यों ने देश धर्म की रक्षा की।