आसाराम को शिष्या से रेप के आरोप में उम्रकैद की सजा
गांधीनगर
गुजरात में गांधीनगर की कोर्ट ने शिष्या से रेप के मामले में कथावाचक आसाराम बापू को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। ये मामला साल 2013 का है, जिसमें सूरत की दो बहनों से आसाराम बापू पर रेप का आरोप लगाया था। इस मामले में आसाराम का बेटा नारायण साईं भी आरोपी था। गांधीनगर सेशन कोर्ट ने इसी केस में आसाराम बापू के खिलाफ सजा सुनाई। इस मामले में आसाराम की पत्नी लक्ष्मी, बेटी भारती और चार महिला अनुयायियों को भी आरोपी बनाया गया था। लेकिन इन सभी को गांधीनगर कोर्ट ने बरी कर दिया था। इससे पहले एक और बलात्कार मामले में ही आसाराम पहले से उम्रकैद की सजा काट रहा है. ऐसे में एक बार फिर दोषी सिद्ध हो जाने से उसकी मुश्किलें बढ़ने वाली हैं.
क्या है ये पूरा मामला?
जानकारी के लिए बता दें कि कल गांधीनगर सेसन्स कोर्ट ने आसाराम को दोषी करार दिया था, वहीं अन्य आरोपी को कोर्ट ने निर्दोष बता दिया था. केस की बात करें तो 2 बहनो ने आसाराम और उसके बेटे के खिलाफ बलात्कार का आरोप लगाया था. जिसमें छोटी बहन के आरोप पर नारायण साई को आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है, वहीं बड़ी बहन के आरोपी आसाराम को आज कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
पहले भी नहीं मिली राहत, अब फिर झटका
अब आसाराम को ये झटका तो मिल गया है, लेकिन वकील अब हाई कोर्ट का रुख करने जा रहे हैं. आसाराम के वकील ने कहा है कि हम इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे. यहां ये समझना जरूरी है कि अभी तक आसाराम को कोर्ट की तरफ से कोई राहत नहीं मिली है. जो दूसरा रेप केस उस पर चल रहा है, उसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले साल नंवबर में उसकी जमानत याचिका खारिज की जा चुकी है. तब आसाराम की तरफ से दलील दी गई थी कि उसकी उम्र हो चुकी है, कई तरह की बीमारियां भी हैं, ऐसे में उसे जमानत का अधिकार है. लेकिन तब कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी थी और सुनवाई आगे टाल दी गई.
वैसे जिस मामले में आसाराम को इस बार दोषी पाया गया है, उसकी सुनवाई भी करीब 9 सालों तक चली. इस मामले की जांच अधिकारी दिव्या रविया को तो कई मौकों पर जान से मारने की धमकी भी मिली थी. लेकिन फिर भी उनकी तरफ से जांच को जारी रखा गया और कुल 68 लोगो के बयान दर्ज किए गए. इस मामले में 8 आरोपी थे जिसमें से 1 आरोपी सरकारी गवाह बन गया था.