गारबेज फ्री सिटी और वॉटर प्लस का दर्जा बरकरार रख पाना भोपाल नगर निगम के लिए मुश्किल ,गोविंदपुरा-नरेला में अटका सीवेज कनेक्शन का काम
भोपाल
स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में अच्छी रैंकिंग के साथ गारबेज फ्री सिटी और वॉटर प्लस का दर्जा बरकरार रख पाना नगर निगम के लिए इस बार मुश्किल होगा, क्योंकि बजट के नहीं मिलने के कारण अब तक गोविंदुपरा और नरेला विधानसभा क्षेत्र में सीवेज कनेक्शन का काम शुरू तक नहीं हुआ है। इसके चलते उक्त क्षेत्रों की सड़कों पर जगह-जगह खुले में सीवेज बह रहा है। जो ना सिर्फ जनता के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है, बल्कि निगम के लिए भी सड़कों पर बहता सीवेज बीएमसी की इमेज पर स्वच्छता सर्वेक्षण में बट्टा लगाएगा। यह बात और है कि निगम खुले में बहने वाले सीवेज को अंडरग्राउंड करना चाहता है। इसके लिए अमृत प्रोजेक्ट फेस 2 के तहत एक हजार करोड़ का ज्यादातार हिस्सा इसी काम में खर्च किया जाएगा। अपर आयुक्त एमपी सिंह का कहना है कि अमृत योजना के तहत लगातार काम चल रहा है। शहर में सौ फीसदी कनेक्शन किए जाएंगे।
2 लाख कनेक्शन का टारगेट
2023 तक दो लाख घरों को सीवेज नेटवर्क से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। शहर में करीब 8 लाख घरों को सीवेज नेटवर्क से जोड़ा जाना है। इसके लिए 1800 किमी मेन और फीडर सीवेज पाइप लाइन बिछाई जाएगी। कनेक्शन के काम की रूपरेखा तैयार है। बजट मिलते ही काम शुरू होगा।
अमृत फेस 1 में हुए यहां काम
अमृत प्रोजेक्ट फेस 1 के तहत कोलार, होशंगाबाद रोड, चूना भट्टी, शाहपुरा, अयोध्या नगर, जमुनिया छीर आदि क्षेत्रों में सीवेज लाइन बिछाई जा चुकी है।
450 करोड़ खर्च, डली 350 किमी लाइन
अब तक निगम 450 करोड़ से 350 किमी की सीवेज लाइन बिछा पाया है। 82 हजार से ज्यादा घरों में हाउस होल्ड कनेक्शन देकर सीवेज नेटवर्क से जोड़ा जा चुका है। चूंकि अभी इस मद में फिलहाल बजट नहीं मिल पाया है। बजट के मिलते ही सीवेज कनेक्शन को शेष जगहों पर शुरू किया जाएगा।