November 24, 2024

जय श्रीराम के उद्घोष के साथ अयोध्या के लिए आज प्रस्थान करेंगी शालिग्राम शिलायें, संत-श्रद्धालु करेंगे दर्शन

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गोरखपुर/अयोध्‍या
 रामलला की मूर्ति निर्मित किए जाने के लिए नेपाल के दामोदरकुंड से लाई जा रही 26 टन एवं 14 टन की शालिग्राम शिलायें बुधवार को देर रात रामनगरी पहुंच रही हैं। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के अनुसार गुरुवार को सुबह 10:30 बजे दोनों शिलायें रामघाट स्थित रामसेवकपुरम परिसर में जनकपुर स्थित जानकी मंदिर के महंत रामतपेश्वरदास की ओर से रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को अर्पित किये जाएंगे। यद्यपि ये शिलाएं नेपाल सरकार की सहमति और नेपाल की जनता की ओर से रामलला के लिए प्रस्तुत की गई हैं और इन्हें अत्यंत आदर के साथ अयोध्या भेजा जा रहा है। रास्ते में न केवल भारत के लोगों ने, बल्कि नेपाल के भी लोगों ने पवित्र शिला काा जगह-जगह पूजन-अर्चन किया। ट्रस्ट के महासचिव ने शिला अर्पण के अवसर पर संतों-श्रद्धालुओं को रामसेवकपुरम में आमंत्रित किया है।
 
पुष्प वर्षा के साथ देवशिलाओं का गोरखनाथ मंदिर में हुआ था स्‍वागत
अयोध्या धाम जाने के लिए जनकपुर होते हुए नेपाल से आ रही देवशिला यात्रा मंगलवार रात 12:40 बजे गोरखनाथ मंदिर पहुंची थी। गुरु गोरक्षनाथ की धरती पर शलिग्राम शिलाओं का पूजन-अर्चन कर भव्‍य अभिनंदन किया गया। मंत्रोच्चार के बीच जयश्रीराम, जय-जय श्रीराम के जयघोष से मंदिर परिसर गुंजायमान हो गया। शिला रथ बुधवार की सुबह अयोध्या धाम के लिए प्रस्थान करेगा। शाम सात बजे कुशीनगर के बहादुरपुर से यूपी में प्रवेश करने वाली शालिग्राम शिलाएं पौने छह घंटे में 97 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर गोरखपुर पहुंची। भगवान भगवान बुद्ध से लेकर गुरु गोरक्षनाथ की धरती तक भक्तिभाव से सराबोर लोग मंगलगीत गाते हुए शिला यात्रा पर पुष्प वर्षा करते रहे।

गोरखनाथ मंदिर देवशिला रथ को द‍िया गया व‍िश्राम
गोरखनाथ मंदिर पहुंचे देवशिला रथ को परिसर स्थित यात्री निवास के सामने विश्राम दिया गया। मंदिर के प्रधान पुजारी कमलनाथ के नेतृत्व में देवीपाटन शक्तिपीठ के महंत मिथिलेश नाथ, तपसीधाम के महंत जयबख्श नाथ, हनुमान मंदिर के महंत रामदास, शांतिनाथ आदि संतों ने विधि-विधान से दोनों देवशिलाओं की बारी-बारी से पूजा की। शिला यात्रा के साथ आए लोगों ने यात्री निवास में विश्राम किया। बुधवार की सुबह आठ बजे से श्रद्धालु कतारबद्ध् होकर देवशिला का दर्शन कर सकेंगे। पूजन-अर्चन के बाद शिला रथ की आरती उतारकर अयोध्या धाम के लिए रवाना किया जाएगा। यात्रा के आधी रात को शहर में प्रवेश करने के बाद भी चौराहों पर खड़े लोग जयश्रीराम के नारे लगाते रहे। कुसम्ही में रात 11 बजे श्रद्धालुओं ने आतिशबाजी कर शिला रथ का स्वागत किया। नंदानगर, मोहद्दीपुर, विश्वविद्यालय चौराहे पर भी भव्य स्वागत किया गया। गोरक्ष प्रांत के संगठन मंत्री परमेश्वर, प्रांत सह मंत्री सगुण श्रीवास्तव, प्रांत सम्पर्क प्रमुख डा. डी के सिंह , विश्व हिंदू परिषद के प्रचार प्रमुख दुर्गेश त्रिपाठी ने शिलाओं का पूजन वंदन किया।

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