November 24, 2024

सिंधिया परिवार ने किया था सरदार पटेल के सपने को पूरा, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिलाई याद

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भोपाल
 जब भी इतिहास की बात होती है तो सिंधिया परिवार के आजादी के बाद किए गए बड़े योगदान को लेकर भी चर्चाएं होती है। देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के सपने को सिंधिया परिवार ने पूरा किया था। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के ट्विटर को देखकर यह याद एक बार फिर ताजा हो जाती है।

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के ट्विटर पर जो डीपी लगी है, उसमें सरदार वल्लभ भाई पटेल के साथ-साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया के दादा और स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के पिता स्वर्गीय जीवाजी राव सिंधिया नजर आ रहे हैं। पूर्व विधायक राजेंद्र भारती के मुताबिक यह चित्र आजादी के बाद देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के सपने को पूरा करने के बाद का है। आजादी के बाद ग्वालियर के नवाब और इंदौर रियासत के राजा अपनी रियासत को पाकिस्तान में विलय करना चाहते थे। इस बात की जानकारी जब सरदार वल्लभ भाई पटेल को लगी तो उन्होंने जीवाजी राव सिंधिया से संपर्क किया। तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने पूरी जिम्मेदारी के साथ जीवाजी राव सिंधिया से वादा लिया कि दोनों रियासत भारत में ही रहेगी। इसे किसी भी कीमत पर पाकिस्तान में विलय नहीं होने दिया जाए।
 
जीवाजी राव सिंधिया ने खत्म कराया विवाद
जीवाजी राव सिंधिया ने वादा करते हुए बड़ौदा के राजघराने के गायकवाड़ परिवार के तत्कालीन मुखिया और देवास के पंवार राजघराने के मुखिया को साथ लेकर दोनों रियासत के प्रमुख लोगों से बातचीत की और पाकिस्तान में विलय का विवाद खत्म करवा दिया। पूर्व विधायक राजेंद्र भारती के मुताबिक आजादी के बाद जब इंदौर और भोपाल रियासत भारत के साथ ही रही तो यह सिंधिया परिवार की नहीं बल्कि देश की बड़ी जीत मानी गई। इस दौरान कई बार सरदार पटेल से जीवाजी राव सिंधिया की मुलाकात हुई और इसी दौरान यह चित्र भी लिया गया था।

आजादी के बाद मदद के लिए उठाए कदम
पूर्व विधायक राजेंद्र भारती के मुताबिक आजादी के बाद सिंधिया परिवार ने तत्कालीन सरकारों के आदेश पर आर्थिक मदद के कदम भी उठाए। सिंधिया स्टेट का जब विलय हो गया, इसके बाद अर्थव्यवस्था को बनाए रखने के लिए सिंधिया राजघराने ने कई बार अपने खजाने भी खोल दिए थे। यही वजह है कि उस समय सिंधिया परिवार के तत्कालीन सरकारों से नजदीकी संबंध रहेय़ सिंधिया परिवार की बदौलत ही आजादी के बाद कई संकट टाले गए।

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