November 25, 2024

साल में एक दर्जन बार कैसे होता है लाखों की भीड़ का मैनेजमेंट…

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भोपाल

महाकाल की नगरी उज्जैन में एक साल में करीब एक दर्जन ऐसे मौके आते हैं जब लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। इतने श्रद्धालु को बिना असुविधा हुए उनकी आस्था के अनुरूप अपने पर्व को मना सकें, उन्हें भीड़ के बीच में न फंसना पड़े। इन सभी स्थिति को बेहतर तरीके से प्रबंध करने वाले उज्जैन के पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र शुक्ला की इसे लेकर ना सिर्फ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तारीफ की, बल्कि उन्हें इस प्रबंधन का प्रजेंटेशन देने का भी कहा। यह प्रजेंटेशन उन्होंने  संभाग आयुक्त, एडीजी-आईजी और सभी जिलों के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षकों के सामने दिया।

ये व्यवस्थाएं रहती थी चुनौती
इसमें बताया गया कि जब इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं तो यातायात व्यवस्था, पार्किंग व्यवस्था, मंदिर के अंदर सुलभता से दर्शन, जन सुविधायें, महत्वपूर्ण व्यक्तियों के आगमन की व्यवस्थाएं, आकस्मिक व्यवस्था और सूचना का प्रचार-प्रसार यह व्यवस्थाएं चुनौती होती थी। जिसें एसपी सुरेंद्र शुक्ला ने इस प्रबंधन के जरिए आसान कर दिया।

इधर गुंडों पर लगाम लगाने में टीकमगढ़ अव्वल
इसी बैठक में मुख्यमंत्री ने भू-माफियाओं, गुंडों द्वारा शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा करने के खिलाफ की गई कार्यवाही में टीकमगढ़ जिले को बेस्ट माना है। भू-माफियाओं, गुंडों द्वारा किए गए कब्जे को लेकर दो अलग-अलग केटेगरी में टॉप फाइव जिलों का चयन किया गया था। इसमें टीकमगढ़ दोनों ही जिलों में टॉप फाइव में रहा।

ऐसे करते हैं प्रबंध
इतने श्रद्धालुओं को उज्जैन शहर में आने के बाद कोई परेशानी न हो, इसके लिए एसपी सुरेंद्र शुक्ला ने प्लान तैयार किया। इसके लिए उन्होंने शहर के जिम संचालकों के साथ ही शहर की भजन मंडलियों और सेना एवं पुलिस भर्ती की कोचिंग  संचालकों से बातचीत की। इसके बाद इन सभी के सहयोग से 700 के लगभग वॉलेंटियर्स तैयार किये। इन्हें बताया गया कि कैसे भीड़ को नियंत्रित करना है, नियंत्रित भी ऐसा करना है कि किसी भी श्रद्धालु को कोई असुविधा ना हो। इस ट्रैनिंग के बाद इन सभी का उपयोग इन आयोजन में किया जाता है।

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