धोखाधड़ी केस में सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई चाहते हैं यूनिटेक के पूर्व प्रमोटर
नई दिल्ली
यूनिटेक के पूर्व प्रमोटर संजय चंद्रा और अजय चंद्रा ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि या तो उनकी जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की जाए या उन्हें वित्तीय धोखाधड़ी मामले में राहत पाने के लिए निचली अदालत में जाने की अनुमति दी जाए। वे साढ़े पांच साल से अधिक समय से जेल में हैं। सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने बकाया राशि के अग्रिम भुगतान की मांग किए बिना नोएडा प्राधिकरण को यूनिटेक समूह के लेआउट और बिल्डिंग प्लान पर प्रोसेस करने के लिए कहा।
पीठ ने पूछा सवाल
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ को चंद्र बंधुओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने बताया कि दोनों वित्तीय धोखाधड़ी के लिए दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज मामले में करीब साढ़े पांच महीने से अधिक समय से जेल में बंद हैं। इसमें अधिकतम सजा सात साल का कारावास है। इस पर पीठ ने पूछा कि जमानत हासिल करने के लिए अदालत में 750 करोड़ रुपये जमा कराने की पूर्व शर्त का क्या हुआ? इस पर दवे ने कहा कि अंतरिम जमानत की अर्जी में ये शर्त लगाई गई थी लेकिन अब चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और वे नियमित जमानत मांग रहे हैं।
पीठ ने पारित सभी प्रासंगिक आदेशों को दाखिल करने के लिए कहा
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि या तो यह अदालत हमारी नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करे या हमें जमानत याचिका के लिए संबंधित अदालत में जाने की अनुमति दे। पीठ ने तब दवे से मामले में पारित सभी प्रासंगिक आदेशों को दाखिल करने के लिए कहा। साथ ही कहा कि किसी व्यक्ति को सलाखों के पीछे रखने से अदालत को कोई खुशी नहीं मिलती है।
आठ फरवरी को होगी सुनवाई
पीठ ने कहा कि हम देखेंगे कि क्या किया जा सकता है। इसी के साथ पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए आठ फरवरी की तारीख निर्धारित कर दी। उधर, सुनवाई के दौरान यूनिटेक ग्रुप के बोर्ड की ओर से पेश एडिशनल सालिसिटर जनरल एन वेंकटरमण ने कहा कि उन्हें नोएडा के सेक्टर 96, 97, 98, 113 और 117 में हाउसिंग सोसाइटी के निर्माण के लिए होमबायर्स की मंजूरी मिल गई है।