हिमाचल के मेडिकल खरीद घोटाले में पूर्व स्वास्थ्य निदेशक अरेस्ट, प्रदेश BJP अध्यक्ष को छोड़नी पड़ी थी कुर्सी
नई दिल्ली
हिमाचल प्रदेश में कोरोना काल के दौरान इस महामारी की रोकथाम के लिए खरीदे गए चिकित्सा उपकरणों में हुए घोटाले में फंसे स्वास्थ्य विभाग के पूर्व निदेशक डॉ. अजय कुमार गुप्ता को विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया है। करीब तीन साल पहले एबीजी मशीन की खरीद में हुए घोटाले में डॉ. अजय कुमार गुप्ता मुख्य आरोपी हैं। उन पर 4.25 लाख रुपए कमीशन और रिश्वत लेने का आरोप है। सोमवार को प्रदेश उच्च न्यायालय से जमानत खारिज होने के बाद उन्होंने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। अदालत ने डॉ. गुप्ता को दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
मामले के अनुसार, वर्ष 2020 में डॉ. अजय कुमार गुप्ता स्वास्थ्य विभाग के निदेशक थे। उस समय कोरोना कहर बरपा रहा था। स्वास्थ्य विभाग द्वारा एबीजी मशीनों को खरीदा गया था। मशीनों की खरीद-फरोख्त के दौरान एक ऑडियो वायरल हुई थी। ऑडियो में दो लोगों के बीच 4.25 लाख रुपए लेने की बात हो रही थी। 43 सेकेंड के इस ऑडियो के अंत में 5 लाख रुपए देने की बात कही गई। विजिलेंस ने इस संबंध में केस दर्ज करने के बाद डॉ. अजय कुमार गुप्ता को गिरफ्तार किया था। इस मामले में बवाल बढ़ने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे।
विजिलेंस ने सभी पहलुओं पर गहनता से जांच की और उक्त तत्कालीन निदेशक डॉ. अजय कुमार गुप्ता को दोषी पाया था। अब अदालत से जमानत अर्जी रद्द होने के बाद फिर से उन्हें गिरफ्तार किया गया है। पूर्व भाजपा की सरकार में स्वास्थ्य विभाग में हुए इस घोटाले में विपक्षी कांग्रेस ने इस मामले पर खूब बवाल काटा था। नतीजतन तत्कालीन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी।
मई 2020 में राजीव बिंदल ने नैतिक आधार पर अपना इस्तीफा देते हुए कहा था कि हाल ही में स्वास्थ्य सेवा के निदेशक की एक ऑडियो क्लिप वायरल हुई है, जिसके बाद राज्य सरकार ने उनके खिलाफ केस दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया है। मामले की विजिलेंस जांच जारी है। कुछ लोगों ने परोक्ष रूप से भाजपा की ओर उंगली उठाई है। मैं भाजपा को प्रदेश अध्यक्ष हूं। हम चाहते हैं कि कथित भ्रष्टाचार मामले की गहराई से जांच हो। यह जांच किसी तरह से प्रभावित न हो, इसलिए मैं नैतिक आधार पर अपना इस्तीफा दे रहा हूं।