पाकिस्तान आर्थिक हालात बदतर, कंपनियों ने PM शहबाज को चेताया
कराची
पाकिस्तान के आर्थिक हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं. अब देश की तेल कंपनियों ने चेतावनी दी है कि ऑयल इंडस्ट्री पूरी तरह से बिखरने की कगार पर पहुंच गई है. कंपनियों का कहना है कि पाकिस्तान के पास डॉलर नहीं बचे हैं, इसलिए रुपये की कीमत लगातार गिर रही है, जिसकी वजह से उद्योग पर संकट पैदा हो गया है.
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भेजे गए पत्र में तेल कंपनियों ने कहा कि बस कुछ ही दिनों में देश की ऑयल इंडस्ट्री पूरी तरह से ढह जाएगी. बता दें कि शहबाज शरीफ अंतरराष्ट्री मुद्रा कोष (IMF) से मिलने वाली मदद का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान को IMF से फिलहाल मदद मिलने की संभावना नहीं दिखाई दे रही है.
ऐसा पहली बार हुआ है जब पाकिस्तान इतने बड़े तेल संकट से गुजर रहा है. पेट्रोल कंपनियों पर ताला लगने का मतलब होगा कि पाकिस्तान की बची-खुची अर्थव्यवस्था का पूरी तरह से ढह जाना.
बता दें कि पाकिस्तान IMF से सहायता राशि के लिए कई बार अपील कर चुका है, लेकिन IMF साफ शब्दों में पहले ही पाकिस्तान की सरकार को खर्च कम करने और अपने सरकारी खजाने को बढ़ाने की हर संभव कोशिश करने की नसीहत दे चुका है. IMF ने पाकिस्तान को हाल के दिनों में दिए गए सभी निर्देशों को पूरा करने के लिए कहा है.
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से खत्म हो रहा है. पाकिस्तान ने हाल ही में विदेशी कर्ज की किस्त चुकाई है जिस कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 3.09 अरब डॉलर रह गया है. इतने पैसे में पाकिस्तान बस कुछ ही दिनों तक आयात कर पाएगा.
31 जनवरी को पाक पहुंची IMF की टीम
IMF की एक टीम 31 जनवरी को पाकिस्तान पहुंची है जो पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर के लोन प्रोग्राम में शामिल करने के लिए नौंवी समीक्षा बैठक कर रही है. टीम 9 फरवरी तक पाकिस्तान के वित्त मंत्री और उनकी टीम से प्रोग्राम की शर्तों को लागू करवाने पर बात करेगी. IMF की कुछ शर्तों को लागू करने के बाद पाकिस्तान में महंगाई और बढ़ी है और रुपया ऐतिहासिक रूप से लुढ़का है. पाकिस्तान में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत को 16% बढ़ा दिया गया है और खाना पकाने वाले गैस की कीमतों में 30% की बढ़ोतरी की गई है.
'IMF बेलआउट पैकेज कोई रामबाण नहीं'
पाकिस्तान के विशेषज्ञों का कहना है कि IMF का पैकेज भले ही पाकिस्तान को अभी के लिए डिफॉल्ट होने से बचा ले, लेकिन यह पाकिस्तान की सभी समस्याओं का इलाज नहीं है. विशेषज्ञों का कहना है कि IMF का पैकेज कोई रामबाण नहीं है जिससे पाकिस्तान की सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी बल्कि पाकिस्तान की बीमार अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए और अधिक मजबूत सुधारों की जरूरत है.
IMF को अपने कर्ज देने के ढांचे में सुधार की जरूरत
SBP के पूर्व गवर्नर रजा बाकिर ने कहा कि आईएमएफ जैसे वैश्विक कर्जदाताओं को उभरती अर्थव्यवस्थाओं को कर्ज के संकट से बाहर निकालने में मदद करने के लिए अपने ढांचे में सुधार करने की जरूरत है. गंभीर आर्थिक संकट झेल रहा श्रीलंका भी आर्थिक पैकेज के लिए लंबे समय तक इंतजार करता रहा. उन्होंने सीएनबीसी से बातचीत में कहा कहा कि पाकिस्तान जैसे उभरते बाजारों के लिए वैश्विक निवेश का नजरिया पिछले दो सालों में बहुत तेजी से बिगड़ा है. इसका सबसे प्रमुख कारण सरकारी कर्ज का बढ़ जाना है.
इस तरह संकट से निकल सकता है पाकिस्तान
पाकिस्तान के फेडरल बॉर्ड ऑफ रेवेन्यू के पूर्व अध्यक्ष शब्बर जैदी ने कहा कि पाकिस्तान के अर्थव्यवस्था की रीढ़ टूट चुकी है. उन्होंने सुझाव दिया कि पाकिस्तान इस स्थिति से निकलने के लिए 15 सालों का वित्तीय आपातकाल घोषित कर दे. इस दौरान पाकिस्तान देश और गरीबों के कल्याण के लिए योजनाएं तैयार करे. उन्होंने चीन, तुर्की, श्रीलंका, इंडोनेशिया, मलेशिया और अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों को रद्द करने का भी आह्वान किया.