शव वाहन नहीं मिलने पर,शव को ठेले में रखकर ले गए
सीधी
सीधी जिले में मानवता उस वक्त शर्मसार हो गई, जब मृतक के शव को परिजन ठेले में रखकर घर तक ले गए। मामला सीधी जिले के जिला अस्पताल का है, यहां पर अशोक कोल निवासी ग्राम बम्हनी की मौत हो गई थी। मौत के बाद उसे उसके निवास स्थान डेनिया तक ले जाना था, लेकिन घंटों इंतजार करने के बाद भी शव वाहन नहीं मिला।
बता दें, थानाहबा टोला का निवासी अशोक कोल (40) कोतवाली थानान्तर्गत इन्द्रानगर में किराए के मकान में रहकर मजदूरी करता था, जिसकी शुक्रवार रात ज्यादा तबियत खराब होने पर जिला अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया। यहां अचानक स्वास्थ्य ज्यादा खराब होने के चलते उसकी मौत हो गई थी।
जिला अस्पताल में उल्टी का इलाज नहीं…
मृतक के परिजनों ने बताया कि अशोक कोल को उल्टी की शिकायत थी, जिसके उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उपचार की व्यवस्था भी बेहतर नहीं थी, जिसके चलते उनकी मौत हो गई। शर्मसार करने वाली बात यह है कि एक तरफ केन्द्र और प्रदेश सरकार आदिवासियों को लेकर तरह-तरह की नित नई योजनाओं के अलावा उन तमाम सुविधाओं को उपलब्ध कराने का दावा कर रही है। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि गरीब और आदिवासी आज भी मौलिक सुविधाओं के लिए मोहताज हैं।
अस्पताल से हाथ ठेले में ले गए शव…
मृतक अशोक कोल के परिजनों ने बताया कि अशोक की मृत्यु उपरांत शव घर ले जाने के लिए अस्पताल प्रबंधन से वाहन की मांग की गई थी, जिनके द्वारा काफी देर तक इधर उधर गुमराह कर इंतजार कराया गया, लेकिन वाहन नहीं मिला। तब परिजनों की सहमति से शव को हाथ ठेले में रखकर घर ले गए। हालांकि, सीधी जिले में शव को कंधे में अथवा हाथ ठेले में रखकर ले जाने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी इस तरह के दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं। बावजूद इसके जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन इस मामले को लेकर गंभीर नहीं है।