यूक्रेन-रूस युद्ध में तीसरे देश ने दी दखल तो बच गई 179 सैनिकों की जान, कैसे हासिल हुआ ये मुकाम?
नई दिल्ली
यूक्रेन-रूस युद्ध को सालभर होने वाले हैं। दोनों देश एक दूसरे पर भीषण आक्रमण कर रहे हैं। यूक्रेन के पूर्वी हिस्से के डोमनास्टक के बखमुत शहर के पास यूक्रेनी सैनिकों ने रूसी वैगनार ग्रुप के लड़ाकों पर बड़ा हमला बोला है। यूक्रेनी सैनिकों ने वैनगार टैंकों पर जोरदार हमला बोला है। इस बीच, एक अच्छी खबर भी आई है। दोनों देशों ने एक-दूसरे देशों के कैदियों की रिहाई की है।
अल जजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) द्वारा की गई मध्यस्थता के तहत यूक्रेन ने दर्जनों रूसी सैनिकों को रिहा कर दिया है, उसी दिन 116 यूक्रेनी सैनिकों को भी पूर्वी शहर बखमुत में संघर्ष के दौरान रिहा कर दिया गया है। बताया कि रूसी रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा, "एक जटिल वार्ता प्रक्रिया के परिणामस्वरूप 63 रूसी सैनिक यूक्रेनी क्षेत्र से वापस आ गए।" मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि खाड़ी देश की मध्यस्थता के लिए "संवेदनशील श्रेणी" के लोगों को भी सौदे में शामिल किया गया था।
हालांकि, रूसी मंत्रालय ने इस बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया कि "संवेदनशील" समूह में कौन लोग शामिल थे, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें संवेदनशील जानकारी रखने वाले जासूसों और नागरिकों सहित कई लोग शामिल हो सकते हैं।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) मास्को के साथ घनिष्ठ संबंध रखता है और रूस के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंधों का समर्थन नहीं करने वाले देशों में से एक बना हुआ है। पिछले साल अक्टूबर में,UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सेंट पीटर्सबर्ग में मुलाकात की थी, जहां रूसी नेता ने दोनों देशों के बीच के संबंधों को "स्थिरता का एक महत्वपूर्ण कारक" बताया था।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को हुई कैदियों की अदला-बदली की घटना में इस बात का कोई उल्लेख नहीं किया कि ये समझौते कब हुए थे। उधर, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी मारियुपोल और खेरसॉन की लड़ाई में बंदी बनाए गए यूक्रेनी लड़ाकों सहित 116 नागरिकों की रूस द्वारा रिहा किए जाने की पुष्टि की।