उनके मुंह पर तमाचा है दरबार, सवाल उठाने वालों पर बरसे बागेश्वर वाले धीरेंद्र शास्त्री
छतरपुर
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों छतरपुर स्थित अपने गांव गढ़ा में हैं। 121 बेटियों की शादी की तैयारी में जुटे धीरेंद्र शास्त्री ने उनके दावों पर सवाल उठाने वालों को भी जवाब दिया। उन्होंने कहा है कि जो लोग भगवान को नहीं मानते,आलौकिक शक्तियां जिन्हें पाखंड लगती हैं, ऐसे लोगों के मुंह पर बागेश्वर धाम का दरबार एक तमाचा है।
हाल ही में महाराष्ट्र के नागपुर में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक श्याम मानव के द्वारा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को चुनौती दी गई थी। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और श्याम मानव के बीच विवाद सुर्खियों में रहा। एक बार फिर धीरेंद्र शास्त्री ने उनपर सवाल उठाने वालों पर निशाना साधा। गांव में अपने भक्तों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग यह कहते थे कि भगवान नहीं होता, अलौकिक शक्तियां नहीं होती, चमत्कार जैसी कोई चीज नहीं होती मेरा मानना है कि बागेश्वर धाम सरकार का दरबार ऐसे लोगों की मुंह पर तमाचा मारने के लिए ही लगता है।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों अपने गांव गढ़ा में है। जहां पर वह 121 निर्धन कन्याओं का विवाह कराने की तैयारियां करा रहे हैं। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इसको लेकर खुद अपने खास सेवादारों के साथ व्यवस्थाओं को देख रहे हैं। शादियों में जिले और आसपास के लोग लोगों को पीले चावल देते हुए निमंत्र भेज रहे है कन्याओं के विवाह को धाम में दूर दूर से लोग भी आ रहे हैं।
धाम में शादी के लिए बनाए जाएंगे 125 मंडप…
धाम में होने वाले कन्या विवाह के लिए 125 मंडप बनाए जाएंगे पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने जानकारी देते हुए बताया है कि शादी विवाह कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की कोई समस्या ना हो इसके लिए सभी को एक-एक टोकन दिया जाएगा और उसी के हिसाब से जोड़ा शादी वाले मंडप में पहुंचेगा तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। बरात में आने वाली गाड़ियों के लिए भी अलग पास बनाए गए हैं।
दान दहेज(उपहार) की भी व्यवस्था…
धाम में होने वाली शादियों के लिए वधू पक्ष की तरफ से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दान दहेज की व्यवस्था की है। बुंदेलखंड में इस तरह का रिवाज होता है कि जब भी कोई कन्या का विवाह होता है तो परिवार के लोग यथाशक्ति अनुसार अपनी बेटी को उपहार स्वरूप कुछ भेंट करते हैं कुछ ऐसी व्यवस्था जितेंद्र शास्त्री की तरफ से धाम में की गई है।