टीआई इंद्रेश त्रिपाठी की विवेचना से दरिंदा पहुंचा फांसी के फंदे तक,CM ने पीठ थपथपाई
इंदौर
इंदौर के आजादनगर थाना क्षेत्र में सात साल की मासूम बच्ची को बुरी नीयत से उठाकर ले जाने और उसकी हत्या करने वाले दरिंदे सद्दाम को जिला अदालन में आजीवन कारावास और फांसी की सजा सुनाई है। इस मामले की विवेचना यहां के थाना प्रभारी इंद्रेश त्रिपाठी ने पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा और अन्य अफसरों के मार्गदर्शन में की थी। महज साढ़े चार महीने में टीआई और उनकी टीम ने इतनी पुख्ता विवेचना और साक्ष्य जुटाये कि आरोपी अदालत से बच नहीं सका। फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इंदौर के पुलिस अफसरों की पीठ थपथपाई है।
यह थी घटना
पिछले साल 23 सितम्बर को बच्ची को आरोपी सद्दाम बुरी नीयम से उठाकर अपने घर के अंदर ले लगा। इसके बाद वह उसके साथ बुरा काम करने को कोशिश करने लगा। जिस पर बच्ची ने चिल्लाना शुरू कर दिया। इसके बाद सद्दाम ने बच्ची को चाकुओं से गोद दिया। बच्ची को इस दरिंदे ने 29 बार गोद कर निर्मम हत्या कर दी। पुलिस को जैसे ही सूचना मिली, उसने आरोपी सद्दाम को हिरासत में लेकर पास्को एक्टर के तहत प्रकरण दर्ज किया और विवेचना शुरू की।
14 दिन में किया चालान पेश
पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा और अन्य अफसरों सहित थाना प्रभारी इंद्रेश त्रिपाठी ने इस घटना को लेकर गंभीरता से काम करना श्ुारू किया। आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद चश्मदीद साक्षीयो के कथन लिये गये घटना स्थल से भौतिक, साक्ष्य एकत्र किये। इसके बाद 14 दिन तक पुलिस अफसरों के मार्गदर्शन में टीआई इंद्रेश त्रिपाठी ने रात दिन एक कर मामले में सभी साक्ष्य एकत्रित कर सात अक्टूबर को जिला न्यायालय में चालान पेश कर दिया। शासन की ओर से एडीपीओ सुशीला राठौर एवं डीपीओ संजीव श्रीवास्तव के द्वारा प्रकरण की पैरवी करते हुये ट्रायल प्रारम्भ किया। इस मामले में 31 जनवरी को विशेष न्यायालय (पोक्सो एक्ट) ने आरोपी पर लगाये गये सभी आरोपो को सिद्ध पाया। सोमवार को आए फैसले में आरोपी कोआजीवन कारावास एवं मृत्यु दण्ड की सजा सुनाई गई। जब इस मामले में फैसला आना था तक न्यायालय मे बच्ची के परिजन भी उपस्थित थे। फैसला आने पर खुशी से उनकी आंखों में आंसू आने लगे। उन्होंने नम आंखो से मृतक मासूम बच्ची को न्याय दिलाने मे सफल होने पर पुलिस को धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री ने की तारीफ
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मासूम बच्ची की हत्या को लेकर विडियो कांफ्रेन्स की थी। जिसमे वरिष्ट अधिकारियो को निर्देशित किया गया था प्रकरण की विवेचना को गंभीरता से लेते हुये सारे साक्ष्य एकत्रित कर शीघ्र विवेचना पूर्ण कर आरोपी को कठोर सजा दिलाई जाए। सोमवार को जब इस मामले पर फैसला आया,इसके बाद मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि इंदौर के आजाद नगर थाना अंतर्गत एक बालिका के विरुद्ध घटित अपराध में न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास और फांसी की दोहरी सजा से बच्ची के परिवार को न्याय मिला। मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं। इस समाज एवं प्रदेश को महिला अपराध मुक्त बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं तथा इस प्रयास में तत्पर सभी साथियों का ह्दय से आभार प्रकट करते हैं।
इंद्रेश को कटनी में मिला था उत्कृष्ट विवेचना का पदक
इंद्रेश त्रिपाठी जब कटनी जिले में पदस्थ थे तक वर्ष 2018 में 6 वर्षीय बालिका के अपहरण, दुष्कर्म व हत्या के मामले में उन्होंने जांच की थी। इसमें भी आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई थी। जिस पर केंद्रीय गृहमंत्री महोदय द्वारा उत्कृष्ट विवेचना हेतु पदक प्रदान किया था।