IEA के कार्यकारी निदेशक फतिह बिरोल बोले- LiFe मिशन कर सकती है जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद
बेंगलुरु
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के कार्यकारी निदेशक फतिह बिरोल ने कहा कि G20 देश प्रेरणा के स्रोत के रूप में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित लाइफ (Lifestyle for the Environment) पहल का उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह पहल जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का समाधान करने में मदद कर सकती है। बिरोल ने समाचार एजेंसी एएनआइ से कहा, 'द्विपक्षीय बैठक के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अनुरोध किए जाने पर मुझे सम्मानित किया गया। बैठक में मैंने उन महान उपलब्धियों के बारे में बात की जो भारत ने हासिल की है। जैसे- ऊर्जा के क्षेत्र में काम करना,लाखों भारतीयों को बिजली मिलना, उज्ज्वला योजना, नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा मिलना।' इसके अलावा उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत को वैश्विक अंतरराष्ट्रीय मामलों के केंद्र में रखा गया है जोकि वास्तव में कमाल है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में मिशन लाइफ आंदोलन (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) का शुभारंभ किया।
आइइए ने LiFE मिशन पर एक रिपोर्ट तैयार की
बिरोल ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री की पहल LiFe अन्य देशों के लिए प्रेरणा का स्रोत है और जलवायु चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकती है। IEA अपने ऊर्जा विशेषज्ञों के साथ G20 देशों के लिए LiFe मिशन के उद्देश्यों की दिशा में काम करेगा। उन्होंने कहा कि अगर वे पहल को लागू करने में सक्षम हैं, तो इससे जलवायु लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद मिलेगी। बिरोल ने कहा कि IEA ने LiFE मिशन पर एक रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर पूरी दुनिया उन दिशा-निर्देशों का पालन करती है, जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी ने संक्षेप में बताया है, तो वैश्विक उत्सर्जन में काफी कमी आएगी।
दुनिया को स्वच्छ ऊर्जा में निवेश करने की जरूरत है: बिरोल
बिरोल ने कहा, 'लोगों को ऊर्जा सेवाओं के लिए कम पैसे देने की जरूरत है, जिससे दुनिया में कम असमानता होगी। हमें जलवायु संबंधी समस्याएं कम होंगी, अर्थव्यवस्था बेहतर होगी।'उन्होंने कहा कि दुनिया को स्वच्छ ऊर्जा में निवेश करने की जरूरत है और नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश की आवश्यकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के लिए भी यह काम है कि वे विकासशील देशों को स्वच्छ ऊर्जा निवेश जुटाने में मदद करें। उन्होंने कहा कि COP 26 में प्रधान मंत्री द्वारा पहली बार प्रस्तावित, मिशन LiFE को भारत के नेतृत्व वाले वैश्विक जन आंदोलन के रूप में देखा गया है जो पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक कार्रवाई को बढ़ावा देगा।