CM ने कसा तंज बोले -कांग्रेस में गुटबाजी के चलते पूरी पार्टी होल्ड पर
भोपाल
खंडवा-खरगोन जिला कांग्रेस अध्यक्षों को होल्ड करने के कांग्रेस के फैसले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और कमलनाथ के नेतृत्व में पूरी कांग्रेस ही होल्ड पर रखी हुई है। नियुक्ति करते हैं और होल्ड कर देते हैं। जनता भी कांग्रेस को होल्ड पर ही रखने वाली है।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- कांग्रेस में रस्साकशी चल रही है कि सीएम कौन होगा, कौन नहीं होगा। पहले इंदौर का अध्यक्ष होल्ड पर हुआ। अब खंडवा का अध्यक्ष होल्ड पर हो गया। कमलनाथ के छोटे भाई से निवेदन है कि उनकी उम्र का ध्यान नहीं रख रहे, तो उनके इन्वेस्टमेंट का तो ध्यान रखो। मुझे लगता है कि चुनाव आते-आते कमलनाथ जी का मुख्यमंत्री बनना ही होल्ड पर करा देंगे।
उधर, पार्टी के फैसले पर कमलनाथ ने उमरिया में कहा- लोगों ने दिल्ली में शिकायतें की हैं। लोग नाखुश थे, तो कहा जांच करा लेते हैं, इसलिए होल्ड कर दिए।
CM शिवराज ने कमलनाथ से सवाल करते हुए पूछा- कमलनाथ केवल खिसियानी बिल्ली की तरह इधर-उधर की बात कर रहे हैं। कमलनाथ और कांग्रेस झूठ बोलने में माहिर है। झूठे वचनपत्र पर ही उन्होंने पिछली बार वोट मांगे थे। कोई वचन पूरा नहीं किया। आज फिर उनके वचनपत्र का एक वादा याद दिला रहा हूं। 200 से लेकर 500 हेक्टेयर विशेष कृषि क्षेत्र विकसित किए जाने के साथ एक ही जगह कृषि उपकरण, सिंचाई, बिजली, बीज उपचार, मिट्टी परीक्षण, ग्रेडिंग भंडारण की सुविधा देने और इन क्षेत्रों को मंडी कर से मुक्त करने का वादा कमलनाथ और कांग्रेस ने किया था। यह वादा पूरा क्यों नहीं किया? झूठे वादे करना और भूल जाना और जनता को भ्रमित करना, यह कांग्रेस का काम रहा है।
बुधवार को उमरिया के दौरे पर पहुंचे कमलनाथ ने कहा- उमरिया की वन और कोयले से पहचान है। कोयले के क्षेत्र में जहां विभिन्न प्रदेशों से लोग रोजगार के लिए आते थे, आज उमरिया के लोगों को पलायन करना पड़ रहा है। वनभूमि में से चार लाख पट्टे निरस्त कर दिए गए। ये उमरिया का हाल है। किसान का सत्यानाश, नौजवानों, निवेश, व्यापारियों, कानून-व्यवस्था, गोवंश का सत्यानाश हो गया है। वे 18 साल का हिसाब दें। मैं 15 महीनों का हिसाब देने को तैयार हूं। मुझसे 15 महीनों का हिसाब मांगते हैं, जनता मेरी गवाह है। 15 महीने में से ढाई महीना आचार संहिता और चुनाव में गया। एक महीना उथल-पुथल में गया। मैं कुर्सी के लिए सौदा नहीं करना चाहता था। मप्र की पहचान सौदे की राजनीति से नहीं करवाना चाहता था। शिवराज सिंह जो नाटक-नौटंकी कर रहे हैं, ये विकास यात्रा नहीं, बल्कि ये उनकी निकास यात्रा है। मप्र में जो भोले-भाले मतदाता हैं, वे समझदार हैं, उन्हें ज्ञान देने की जरूरत नहीं हैं।