अडानी की नई मुसीबत: शेयरों के स्टेटस का रिव्यू करेगा MSCI, निवेशकों में हड़कंप, 15% गिरा शेयर
नई दिल्ली
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद गौतम अडानी ग्रुप की मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही। अडानी ग्रुप के शेयरों में उतार-चढ़ाव को देखते हुए ग्लोबल इनवेस्टेबिल मार्केट इंडेक्स MSCI अनिश्चितताओं के चलते अडानी ग्रुप के फ्री फ्लोट को रिव्यू करेगा। MSCI ने कहा कि अडानी ग्रुप की सिक्योरिटीज के कुछ इनवेस्टर्स को अब फ्री फ्लोट के रूप में नामित नहीं किया जाना चाहिए। ग्लोबल इंडेक्स के मुताबिक, अडानी ग्रुप से जुड़ी सिक्योरिटीज की योग्यता और फ्री फ्लोट तय किए जाने को लेकर कई हिस्सेदारों से फीडबैक मिलने के बाद यह फैसला लिया गया है। इसमें अडानी ग्रुप के कंपनियों की सिक्योरिटी के फ्री फ्लोट स्टेटस की चिंता जाहिर की गई थी। बता दें कि इस खबर के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में तगड़ी गिरावट है। अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 15% तक गिर गए हैं।
अडानी के शेयरों का हाल
अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में 15% तक की गिरावट आई। अडानी पोर्ट के शेयर 3.54% तक गिर गए। अडानी पावर के शेयर में 5% का लोअर सर्किट लग गया है। Adani Transmission के शेयर भी 5% के लोअर सर्किट में हैं। अडानी टोटल गैस के शेयर में 5% का लोअर सर्किट लग गया है। अडानी ग्रीन के शेयर 3.78% तक लुढ़क गया है। हालांकि, अडानी विल्मर के शेयरों में 3.61% की तेजी देखी जा रही है।
एमएससीआई ने मांगी थी जानकारी
एमएससीआई ने शनिवार को कहा था कि अडानी समूह की कंपनियों के शेयर भाव को गलत तरीके से बढ़ाने का आरोप लगाने वाली हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर उसने समूह की सिक्योरिटीज से जानकारी मांगी है। एमएससीआई ने कहा था कि वह अडानी समूह और उसकी कंपनियों के कामकाजी तौर-तरीकों के बारे में आई इस रिपोर्ट से अवगत है। एमएससीआई इस स्थिति के बारे में सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचना पर करीबी नजर रखे हुए है। वर्तमान में अडानी समूह से जुड़ीं आठ कंपनियां एमएससीआई स्टैंडर्ड सूचकांक का हिस्सा हैं।
बाजार जानकारों का मानना है कि कोई भी प्रतिकूल जानकारी मिलने पर एमएससीआई सूचकांक में अडानी समूह की कंपनियों को सूचकांक से बाहर भी किया जा सकता है। अगर इस तरह का कोई कदम उठाया जाता है तो फिर अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में बिकवाली और तेज हो सकती है।
क्या है मामला?
अमेरिका की एक्टिविस्ट निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा था कि अडाणी समूह की कंपनियों ने शेयरों के भाव बढ़ाने के लिए गलत तरीके अपनाए हैं। इसके अलावा समूह की कंपनियों पर लेखांकन में धोखाधड़ी करने के आरोप भी लगाए गए हैं। बता दें कि यह यह रिपोर्ट अडानी समूह की प्रतिनिधि कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ आने के ऐन पहले आई है।