November 28, 2024

मेरठ मेडिकल कॉलेज में सिक्योरिटी गार्ड ने तीमारदार को हॉकी-डंडों से पीटा, वीडियो सामने आने पर प्रशासन ने बैठाई

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 मेरठ

उत्तर प्रदेश के मेरठ के मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में एक गार्ड ने अपने साथियों के साथ मिलकर मरीज के तीमारदार को हॉकी डंडों से पीट दिया। यह देख मरीजों में चीख पुकार मच गई और लोग जान बचाने को दौड़ते रहे। पूरे मामले का खुलासा उस समय हुआ, जब इसकी वीडियो सामने आई। जो भी लोग वीडियो बना रहे थे, सुरक्षा कर्मियों ने उनके ऊपर भी हमला किया। वहीं, मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को रफा दफा कराने का प्रयास किया। आला अधिकारियों को भी इसकी सूचना नहीं दी। इस मामले में मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने जांच कमेटी का गठन कर दिया है।

शामली के सिसौली निवासी कुंवरपाल सिंह को मंगलवार रात मेरठ मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में भर्ती कराया था। इनकी हालत काफी खराब है। कुंवरपाल सिंह का बेटा सचिन पिता के पास ही देखरेख में है। बुधवार दोपहर सचिन और गार्ड की इमरजेंसी के गेट पर ही मामूली कहासुनी हो गई। इसके बाद सचिन अंदर इमरजेंसी में पिता के पास आ गया।

आरोप है कि दूसरी ओर गार्ड ने आसपास की बिल्डिंग में तैनात अपने साथियों को हॉकी डंडों के साथ बुला लिया और सचिन पर अंदर इमरजेंसी में ही हमला कर दिया। इस दौरान अंदर अफरातफरी मच गई। आरोपी हमलावरों ने सचिन से मारपीट कर दी और जमकर डंडे चलाए। इस दौरान सचिन ने जान बचाकर कमरे में छिपने का प्रयास किया, लेकिन आरोपियों ने यहां भी पीछा किया। इस दौरान इमरजेंसी में भगदड़ मच गई। मरीज जान बचाने के लिए चीखते चिल्लाते रहे। काफी देर बाद कुछ लोगों ने बीच बचाव कराया। वहीं, दूसरी ओर सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से घटना को लेकर जांच बैठा दी गई। जांच के लिए कमेटी बना दी गई है और सप्ताह भर में रिपोर्ट मांगी गई है। इस मामले में कार्रवाई करने और दोषी गार्डों को हटाने की तैयारी की जा रही है।

मारपीट करना गलत- प्रभारी मेडिकल इमरजेंसी

इस मामले में प्रभारी मेडिकल इमरजेंसी डॉ. विरेंद्र कुमार का कहना है कि  इमरजेंसी के सुरक्षा गार्ड और मरीज के तीमारदार में आपस में झगड़े की जानकारी मिलने पर अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मामले को शांत कराया। प्रकरण काफी गंभीर है। मरीज के तीमारदार वैसे ही परेशान रहते हैं, इनके साथ सुरक्षा गार्ड का मारपीट करना गलत है। झगड़े की वजह क्या थी, इसकी जांच शुरू कर दी गई है। इसके अलावा निजी सुरक्षा कंपनी के अधिकारियों को भी सूचना देकर चेतावनी दी है। इन लोगों को हटाया जाएगा।

जांच कमेटी बना दी गई

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने बताया कि इमरजेंसी में मारपीट के मामले में तीन चिकित्सकों की कमेटी बनाकर एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए है। मरीज के तीमारदार के साथ मारपीट करने का अधिकार सुरक्षा गार्ड को किसने दिया। इस मामले में कंपनी से बात कर ऐसे सुरक्षा कर्मियों को अस्पताल से हटाया जाएगा, साथ ही बाकी कार्रवाई भी कराई जाएगी। कोई अराजकता बर्दाश्त नहीं होगी।
 

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