भारत का आभार और पाकिस्तान के पीएम को इनकार, मदद पाकर बदल गया तुर्की का रवैया?
नई दिल्ली
कभी कश्मीर के मुद्दे पर भारत को सीख देने वाले तुर्की का रवैया अब बदलता दिख रहा है। कश्मीर मसले पर वह पाकिस्तान के स्टैंड का साथ देता रहा है, लेकिन भीषण भूकंप के बाद भारत की उदारता ने शायद उसके रुख को बदल दिया है। भारत की ओर से तुर्की को मदद भेजे जाने पर उसके राजदूत ने कहा है कि आप हमारे मुसीबत के दोस्त हैं। भारत में तैनात तुर्की के राजदूत फिरात सुनेल ने कहा था, 'दोस्त तुर्की और हिंदी में कॉमन शब्द है। हमारे यहां एक कहावत है- जरूरत पर जो काम आता है, वही सच्चा दोस्त होता है।' यही नहीं भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर का कहना है कि हमारी परंपरा वसुधैव कुटुम्बकम की है, उसके तहत ही हम मदद कर रहे हैं।
यही नहीं एक तरफ तुर्की ने भारत को सच्चा दोस्त बताया है तो वहीं कश्मीर मसले पर अकसर जिस पाकिस्तान का वह साथ देता था, उसके पीएम शहबाज शरीफ को देश में आने से ही मना कर दिया है। शहबाज शरीफ को बुधवार को पहुंचना था, लेकिन उससे ठीक पहले ही तुर्की ने कहा कि आप यहां न आएं। ऐन वक्त पर तुर्की से आई खबर के बाद शहबाज शरीफ को अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी। तुर्की ने शहबाज शरीफ से आग्रह किया कि वे उसके अंकारा शहर की यात्रा को टाल दें। तुर्की ने कहा कि हम इस समय संकट की स्थिति में हैं और लोगों के बचाव का काम तेजी से चल रहा है। ऐसी स्थिति में आपका यहां आना ठीक नहीं रहेगा।
बता दें कि भारत की ओर से तुर्की को लगातार मदद की जा रही है। कई खेपों में हरक्युलस विमान राहत सामग्री और खाने-पीने का सामान लेकर रवाना किए गए हैं। यही नहीं एनडीआरएफ की टीमों को भी भेजा गया है ताकि वे वहां राहत एवं बचाव अभियान को तेज कर सकें। यही नहीं एनडीआरएफ की दो टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया ताकि जरूरत की स्थिति में तुरंत रवाना किया जा सके। भारत ने 6 टन राहत सामग्री भी तुर्की रवाना की है। भारत की इस मदद के चलते ही तुर्की का रवैया बदलता हुआ दिख रहा है।