September 25, 2024

डिफाल्टरो को इनाम, नियमित सिंचाई कर अदा करने वालों को सजा, सिंचाई मंत्री को पुन: ज्ञापन

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रायपुर

चुनावी घोषणापत्र में किये गये वादे को पूरा करने सिंचाई कर माफी संबंधी जारी किये गये जल संसाधन विभाग के आदेश ने 4 वर्षों का नियमित सिंचाई कर अदा करने वाले 90 प्रतिशत किसानों को सकते में डाल रखा है। वे इस आदेश को डिफाल्टरो को इनाम और नियमित सिंचाई कर अदा करने वाले किसानों को सजा ठहरा रहे हैं। इस संबंध में सन् 2021 में शासन का ध्यानाकर्षण कर इन 90 प्रतिशत किसानों से वसूल किये जा चुके राशि को आगामी वर्षों में समायोजित करने अथवा उन्हें लौटाने की? मांग पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं होने व विभाग द्वारा सिंचाई कर वसूली की प्रक्रिया पुन: शुरू कर दिये जाने से एक बार फिर रायपुर जिला जल उपभोक्ता संस्था संघ ने सिंचाई मंत्री रवीन्द्र चौबे को मेल से ज्ञापन भेज व्यापक किसान हित में शीध्र निर्णय लेने का आग्रह किया है।

रायपुर जिला जल उपभोक्ता संस्था संघ के अध्यक्ष रहे भूपेन्द्र शर्मा ने बंगोली सिंचाई उपसंभाग के सिंचाई पंचायतों के पूर्व अध्यक्षों  की हुयी  बैठक के बाद प्रेषित ज्ञापन में जानकारी दी  है कि  जल संसाधन विभाग द्वारा बकायादार किसानों का सिंचाई कर माफ कर दिये जाने संबंधी सन् 2021 के 3 मई को जारी आदेश से यह स्थिति उत्पन्न हुयी है। ज्ञापन में सिंचाई कर अदा करने संबंधी कानून का उल्लेख करते हुये जानकारी दी गयी है कि हरेक कृषि वर्ष में 15 मार्च तक सिंचाई कर अदा करना होता है और इसके बाद पेनाल्टी वसूल की जाती है।  कृषि वर्ष सन् 2017 – 18 का सिंचाई कर इस तकनीकी आधार पर माफ न किये जाने कि वह बकाया की परिधि में नहीं आता की जानकारी देते हुये ज्ञापन में आगे बतलाया गया है कि सन् 2021 में बकायादार किसानों का सिंचाई कर माफ किये जाने संबंधी आदेश जारी होने के पूर्व ही प्रदेश के 90 प्रतिशत किसान कृषि वर्ष 2018 – 19, 2019 – 20 व 2020 – 21 का सिंचाई कर या तो निर्धारित समयावधि में या फिर कालान्तर में पेनाल्टी सहित जमा कर चुके थे इस वजह से इस आदेश का लाभ सिर्फ उन रसूखदारों व प्रभावशाली किसानों को मिला जिनसे कर वसूल कर पाने की हिमाकत विभागीय अधिकारी नहीं कर पाते। ज्ञापन में इस संबंध में पूर्व में सन् 2021 के 11 अगस्त को सौंपे गये ज्ञापन की ओर ध्यानाकृष्ट कराते हुये  लिखा गया है कि नियमित कर अदा कर चुके 90 प्रतिशत किसानों का राशि समायोजित करने अथवा वापस लौटाने संबंधी मांग अभी तक शासन के पास विचाराधीन रहने व विभागीय कर्मियों द्वारा  सन् 2021 – 22  का राशि पेनाल्टी सहित व वर्तमान कृषि सत्र 2022 – 23 की राशि अदा करने दबाव बनाया जा रहा है जिसे कि समायोजित करने की स्थिति में अदा करने की जरूरत नियमित सिंचाई कर अदा करने वाले किसानों को नहीं पड़ता। इस संबंध में शीघ्र ही शासन से व्यापक किसान हित में निर्णय कराने का आग्रह श्री चौबे से किया गया है। श्री शर्मा ने जानकारी दी है कि इस संबध में विचार करने आहूत बैठक में फरफौद सिंचाई पंचायत के अध्यक्ष रहे गोविंद चंद्राकर , मालीडीह से अध्यक्ष रहे हिरेश चंद्राकर , भानसोज से अध्यक्ष रहे थानसिह साहू , संडी से अध्यक्ष रहे प्रहलाद चंद्राकर , बोडरा से अध्यक्ष रहे धनीराम साहू , लखौली से अध्यक्ष रहे तुलाराम चंद्राकर , आरंग से अध्यक्ष रहे मनमोहन गुप्ता , भोथली से अध्यक्ष रहे भारतेन्दु साहू तथा फरहदा से अध्यक्ष रहे योगेश चंद्राकर सहित क्षेत्र के प्रबुद्ध किसान मौजूद थे।

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