मिलीभगत से करोड़ों का घोटाला,12 करोड़ 44 लाख रुपए का हिसाब नहीं मिला
भोपाल
नगरीय निकायों के अफसर-कर्मचारियों की मिलीभगत से करोड़ों का घोटाला सामने आया है। बिजुरी नगर पालिका परिषद में बिना सामग्री आए ही 107 नस्तियां बनाकर 7 करोड़ 27 लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया। नगर पालिका परिषद के स्टेट बैंक के बचत खाते में 23 करोड़ 74 लाख रुपए खर्च किए गए जबकि ई-कैशबुक में केवल 11 करोड़ 30 लाख रुपए ही दर्ज है। इस प्रकार 12 करोड़ 44 लाख रुपए का हिसाब नहीं मिल रहा है। इसे गबन की श्रेणी में मानते हुए तीन कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई है। एक संविदा कर्मचारी की सेवाएं भी समाप्त कर दी गई है। तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी मीना कोरी, तत्कालीन उपयंत्री वंदना अवस्थी और तीन अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
कई कर्मचारियों को नोटिस थमाए गए है। आयुक्त नगरीय प्रशासन भरत यादव ने इस संबंध में निर्देश जारी किए है। नगर पालिका परिषद बिजुरी में सामग्री खरीदे जाने और निर्माण कार्यो में अनियमितता के लिए विभिन्न स्तर से प्राप्त शिकायतों की जांच के लिए अधीक्षण यंत्री की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की गई थी। समिति ने भ्रमण कर अपना जांच प्रतिवेदन आयुक्त को सौपा था। इस जांच प्रतिवेदन के अनुसार नगर पालिका परिषद बिजुरी में वित्तीय वर्ष 21-22 के दौरान बना सामग्री खरीदे नियमों का उल्लंघन करते हुए 107 नस्तियां बनाकर बिना सामग्री खरीदे ही 7 करोड़ 27 लाख रुपए का भुगतान करना प्रमाणित पाया गया है।इससे नगर पालिका को करोड़ों की क्षति पहुंची है। नगरपालिका के भारतीय स्टेट बैंक के खाते में 23 करोड़ 74 लाख रुपए का खर्च दर्ज है जबकि ई कैशबुक में 12 करोड़ 44 लाख रुपए कम मिले है।
इन अधिकारियों भी जारी हुए नोटिस
इस मामले में नगर पालिका अध्यक्ष पुरुषोत्तम सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उपयंत्री एनपी सिंह के विरुद्ध कार्यवाही के लिए अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग शहडोल संभाग को कार्यवाही के निर्देश दिए गए है। मस्टर श्रमिक संजय महतो, स्थाई कर्मी विनोद पाण्डेय और मस्टर श्रमिक विनोद सोंधिया को सेवा से पृथक कर दिया गया है। दोषी फर्मो जिनके द्वारा निकाय को क्षति पहुंचाई गई है उनके विरुद्ध भी कार्यवाही के निर्देश दिए गए है। तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी मीना कोरी को भी निलंबित कर दिया गया है। उनके विरुद्ध आरोप पत्र जारी कर दिए गए है।
तत्कालीन उपयंत्री वंदना अवस्थी को भी निलंबित कर दिया गया है। मुख्य लिपिक शिवनरेश, सहायक राजस्व निरीक्षक प्रदीप द्विवेदी,ख् सहायक ग्रेड तीन रामबिहारी मिश्रा को निलंबित किया गया है। उपयंत्री संविदा रविन्द्र यादव की सेवाएं कलेक्टर ने समाप्त कर दी है। इन सभी दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जा रहा है।