गौतम अडानी हिंडनबर्ग के खिलाफ आर-पार के मूड में,कानूनी जंग के लिए हायर की अमेरिकी कंपनी
मुंबई
अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने 24 जनवरी को अपनी निगेटिव रिपोर्ट दी, जिसके बाद अडानी समूह (Adani Group) को भारी नुकसान हुआ। अडानी समूह के शेयरों (Adani Share) में भारी गिरावट आई। कंपनी का मार्केट कैप को 100 अरब डॉलर घट गया। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाए। अब अडानी इस शॉर्ट सेलर कंपनी से बदला लेने के मूड में आ गए हैं। अब अडानी हिंडनबर्ग के साथ लीगल फाइट की तैयारी कर रहे हैं। अडानी ने हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी जंग के लिए अमेरिका की बड़ी लॉ फर्म को हायर कर लिया है। अमेरिकी लीगल फर्म वॉचटेल को हायर किया गया है। आपको बता दें कि वॉचटेल चर्चित और विवादित मामलों की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए मशहूर है। दरअसल हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी एक्शन लेकर गौतम अडानी अपने निवेशकों को आश्वास्त करना चाहते हैं, उनका भरोसा जीतना चाहते हैं।
फाइनेंशिय वॉचटेल लड़ सकती है अडानी ग्रुप का केस
इकॉनमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय बिजनेस टाइकून गौतम अडानी की कंपनी ने एक्टिविज्म डिफेंस लॉ फर्म वाचटेल, लिप्टन, रोसेन एंड काट्ज से संपर्क किया है। हालांकि ईटी ने स्वतंत्र रूप से इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की है। आपको बता दें कि वॉचटेल चर्चित और विवादित मामलों की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए मशहूर है। इसी कंपनी ने 44 बिलियन डॉलर के चर्चित ट्विटर टेकओवर मामले में एलन मस्क की तरफ से केस में पैरवी की थी। दरअसल हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी एक्शन लेकर अडाणी ग्रुप अपने निवेशकों को कंपनियों की फाइनेंशियल हेल्थ को लेकर आश्वस्त करना चाहते हैं और उनका भरोसा जीतना चाहते हैं।ल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा है कि हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी लड़ाई के लिए अडानी समूह ने न्यूयार्क के वॉचटेल, लिफ्टन, रोसेन, काट्ज जैसे बड़े लॉ फर्म और लॉ एक्सपर्ट्स से संपर्क किया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद कंपनी को भारी नुकसान हुआ, जिसके बाद अब उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए अडानी समूह ने वॉचटेल को हायर किया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में भी अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से जुड़ी दो याचिकाओं पर आज सुनवाई होने वाली है।
एडवोकेट एमएल शर्मा और विशाल तिवारी ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के कारण अडानी के शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। इस रिपोर्ट के कारण देश की छवि धूमिल हुई है। गौरतलब है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाए गए है। उनपर मनी लॉन्ड्रिंग, शेयर मैनिपुलेशन, शेयरों की ओवरप्राइसिंग, अकाउंट में हेराफेरी जैसे गंभीर आरोप लगाए गए।
हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में क्या है?
आपको बता दें कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में दावा किया गया कि अडानी समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है। बता दें कि यह रिपोर्ट अडानी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ लाने से ठीक पहले 25 जनवरी को जारी की गई थी। इस रिपोर्ट का असर इस कदर रहा कि अडानी ग्रुप को अपना एफपीओ कैंसिल करना पड़ा। आपको बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च एक वित्तीय शोध करने वाली कंपनी है। यह साल 2017 की कंपनी है। इसके फाउंडर नाथन एंडरसन हैं। कंपनी इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव मार्केट के आंकड़ों का एनालिसिस करती है। यह कॉरपोरेट जगत की गतिविधियों के बारे में खुलासा करने के लिए मशहूर है। कंपनी यह पता लगती है कि क्या शेयर मार्केट में कहीं गलत तरीके से पैसों की हेरा-फेरी तो नहीं हो रही है? क्या कोई कंपनी अकाउंट मिसमैनेजमेंट तो खुद को बड़ा नहीं दिखा रही है? क्या कंपनी अपने फायदे के लिए शेयर मार्केट में गलत तरह से दूसरी कंपनियों के शेयर को बेट लगाकर नुकसान तो नहीं पहुंचा रही?