कंगाल पाक पर नई आफत: वित्त मंत्री ने लाद दिया 170 अरब का भारी टैक्स
लाहौर
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को 1.7 अरब अमेरिकी डॉलर का बचा हुआ लोन अप्रूव नहीं किया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के अनुरोध पर इस्लामाबाद में उसकी टीम 10 दिनों तक मंथन और पाकिस्तानी अधिकारियों से बातचीत करने के बाद वाशिंगटन लौट गई है। अब आईएमएफ टीम के लौटते ही भयंकर नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने पहले से ही खस्ताहाल पाकिस्तानियों पर 170 अरब रुपये का टैक्स बोझ लाद दिया है। नया टैक्स चार महीने के अंदर ही वसूल किया जाना है।
जियो न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त मंत्री ने दावा किया है कि वैश्विक ऋणदाता यानी आईएमएफ के साथ बातचीत "सकारात्मक" तौर पर समाप्त हुई है। दुनियाभर में हो रही आलोचना ओं के बीच उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेन्स में कहा कि सरकार मिनी-बजट के माध्यम से 170 अरब रुपये का कर लगाने जा रही है ताकि IMF ऋण कार्यक्रम को पुनर्जीवित किया जा सके।
मीडिया को संबोधित करते हुए, वित्त मंत्री ने पुष्टि की कि सरकार को वाशिंगटन स्थित ऋणदाता से आर्थिक और वित्तीय नीतियों के ज्ञापन (एमईएफपी) का मसौदा प्राप्त हुआ है।
अपनी मीडिया वार्ता की शुरुआत में वित्त मंत्री डार ने इमरान खान सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने याद दिलाया कि मौजूदा सरकार जिस कार्यक्रम को लागू करने की कवायद कर रही है, वह 2019-2020 में आईएमएफ के साथ पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान द्वारा हस्ताक्षरित था।
डार ने कहा कि शहबाज शरीफ के नेतृत्व में पाकिस्तान सरकार "संप्रभु प्रतिबद्धता" के रूप में समझौते तक पहुंचने के लिए हरसंभव कोशिश और बातचीत कर रही है।
बता दें कि पाकिस्तान 2019 में इमरान खान सरकार के दौरान आईएमएफ के छह अरब डॉलर कार्यक्रम का हिस्सा बना था, जिसे पिछले साल बढ़ाकर सात अरब डॉलर कर दिया गया था।कार्यक्रम की नौवीं समीक्षा 1.18 अरब डॉलर जारी करने के लिए आईएमएफ अधिकारियों और पाकिस्तान सरकार के बीच चल रही थी।
एक दिन पहले ही वित्त और राजस्व राज्य मंत्री आएशा गौश पाशा ने कहा, “हम इसे पूरा करने के बहुत करीब हैं।” उन्होंने कहा कि आईएमएफ एक बार पाकिस्तान को एमईएफपी सौंप दे, जिसके बाद सभी मुद्दों पर बात पूरी हो जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका।