Turkey-Syria Earthquake:अब तक 24 हजार से ज्यादा मौत,हमारी मदद की हो रही काफी सराहना
कहरामनमारस
भूकंप से तबाह हो चुके तुर्किये और सीरिया में दिल दहला देने वाली तस्वीरों का अंत नहीं हो रहा है। तबाही के मंजर के बीच यहां बारिश का दौर भी शुरू हो गया है और इस मुश्किल घड़ी में बचाव कार्य में भी काफी दिक्कत आ रही है। यूरोप के नजदीक बसे दोनों देशों तुर्किये और सीरिया में इसी सप्ताह 7.8 की तीव्रता वाला भूकंप का झटका झेला है। भूकंप के 100 घंटे बाद अब मलबे से लोगों के जिंदा मिलने की उम्मीद खत्म हो रही है लेकिन चमत्कार होना जारी है।
7.8 तीव्रता वाले भूकंप ने तुर्की और सीरिया में इस कदर तबाही मचाई कि मरने वालों की संख्या 24 हजार के पार पहुंच गई है। हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच बचावकर्मी रेस्क्यू अभियान चला रहे हैं। कभी मलबे से जिंदगियां बाहर निकल रही हैं तो कभी लाशें। पिछले कुछ दिनों से यही सिलसिला चल रहा है। हालत इस कदर बिगड़ गई है कि कम से कम 10 लाख लोगों के पास खाने तक को पैसे नहीं है। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अकेले सीरिया में बेघरों की संख्या 5.3 मिलियन तक हो सकती है।तुर्की के मारस में राहत अभियान के दौरान चमत्कार देखने को मिला. दरअसल यहां मलबे में बदली एक मल्टीस्टोरी बिल्डिंग से 5 दिन से दबे 3 में से 2 बच्चों को जीवित बाहर निकाला गया है.
डॉ कौल ने कहा कि तुर्की में भूकंप आने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) जी ने संवेदना और दुख प्रकट किया था. इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की थी कि भारत हरसंभव मदद करेगा. इसके तहत अब तक मदद के लिए पांच सी-17 एयरक्राफ्ट तुर्की आ चुके हैं. एनडीआरएफ की सर्च और रेस्क्यू टीम आई हैं. इसके अलावा इंडियन आर्मी की भी टीमें आई हैं.
इंडियन आर्मी राहत और बचाव के काम सक्रियता से कर रही है. आर्मी का हास्पिटल भी काम कर रहा है. यहां जो भी मदद की जा रही है उसकी काफी सराहना हो रही है. भारत ने इस क्राइसिस के मौके पर जो रिस्पॉन्स दिया है उसकी तारीफ हुई है.
उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की सर्च एंड रेस्क्यू टीम में 101 मेंबर हैं. इंडियन आर्मी की मेडिकल टीम में 99 एक्सपर्ट आए हैं जो कि फील्ड हस्पिटल के लिए हैं. पहली बार एनडीआरएफ की महिला कर्मी भी आई हैं जो कि बाकी कर्मियों की तरह ही योगदान दे रही हैं. इन सब चीजों को यहां काफी एप्रिसिएट किया जा रहा है.
डॉ कौल ने बताया कि, भूकंप प्रभावित इलाके में भारतीयों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है. जो दूतावास में हमने कॉल रिसीव किए हैं इसके हिसाब से करीब 125-130 लोगों की जानकारी हमारे पास है. हमारे पास किसी कैजुअल्टी की कोई सूचना नहीं है.
तुर्की और सीरिया में राहत-बचाव कार्यों के बीच कुछ अच्छी खबरें भी देखने को मिली। तुर्की राज्य समाचार एजेंसी अनादोलु के अनुसार, दक्षिण-पूर्वी तुर्की के गाजियांटेप प्रांत के नूरदागी जिले में ज़ाहिदे काया नाम की एक गर्भवती महिला को 115 घंटे के बाद जिंदा मलबे से बाहर निकाला गया। उनकी छह साल की बेटी कुबरा को एक घंटे पहले मलबे से बचाया गया था। महिला अस्पताल में भर्ती है लेकिन सुरक्षित है।
युद्धविराम की घोषणा
वहीं, संयुक्त राष्ट्र के अधिकार प्रमुख ने सीरिया में तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया ताकि भूकंप के सभी पीड़ितों तक सहायता पहुंच सके। विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तर-पश्चिम में करीब 40 लाख लोग मानवीय सहायता पर निर्भर हैं, लेकिन तीन हफ्तों में सरकार-नियंत्रित क्षेत्रों से कोई सहायता वितरण नहीं हो पाया है।
बारिश और बर्फबारी के कारण बचाव कार्य में परेशानी
तुर्किये में इन दिनों मौसम में भी काफी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। भारी बारिश और बर्फबारी के बीच बचाव कार्य में भी काफी परेशानी आ रही है। यहां बचाव कार्य के दौरान एक युवक अदनान मुहम्मद भी मिला, जो भूकंप आने से बाद मलबे में दबा हुआ था और खुद की यूरिन पीकर अभी तक जिंदा था। बचाव दल ने अदनान मुहम्मद को अब अस्पताल भेज दिया है। किशोर अदनान मुहम्मद कोरकुट भूकंप के केंद्र बिंदु रहे गाजियनटेप शहर के नजदीकी इलाके में मिला है।
भारत सहित कई देशों में भेजी मदद
तुर्कियो में भीषण ठंड में लाखों बेघर हो गए हैं। तुर्किये में बचाव अभियान तेज है। भारत के अलावा अमेरिका और अन्य सहयोगी देशों की भरपूर सहायता भी मिल रही है। लेकिन सीरिया में हालात अभी भी बिगड़े हुए हैं। गृहयुद्ध से जर्जर सीरिया में सीमित साधनों से विभीषिका से उबरने की कोशिश कर रहा है। सीरिया का मुख्य मददगार देश रूस इन दिनों यूक्रेन के साथ उलझा हुआ है।
कई के मलबे में दबे होने की आशंका
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि भूकंप के कारण जान गंवाने वालों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है. इस वक्त हजारों लोग भूकंप प्रभावित इलाकों में अस्पताल में भर्ती हैं. अब भी कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है.
दुनिया भर के तुर्की को मदद
बता दें कि तुर्की में 6 फरवरी की सुबह भूकंप आया था, यानी इसे अब तक 5 दिन बीत चुके हैं. भूकंप की मार झेल रहे तुर्की और सीरिया की मदद के लिए कई देश आगे आए हैं. भारत ने मेडिकल टीम के साथ ही NDRF की टीमों को भी तुर्की पहुंचा दिया है तो वहीं भारत के अलावा कई देशों ने मदद भेजी है. वर्ल्ड बैंक ने तुर्की को 1.78 बिलियन डॉलर देने का ऐलान किया है. वहीं, अमेरिका ने तुर्की और सीरिया की मदद के लिए 85 मिलियन डॉलर की सहायता की घोषणा की है.
बैक टू बैक आए थे भूकंप के झटके
तुर्की में भूकंप का पहला झटका 6 फरवरी की सुबह 4.17 बजे आया. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप का केंद्र दक्षिणी तुर्की का गाजियांटेप था. इससे पहले की लोग इससे संभल पाते कुछ देर बाद ही भूकंप का एक और झटका आया, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप के झटकों का यह दौर यहीं नहीं रुका.