November 17, 2024

पीएम मोदी करेंगे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का उद्घाटन; 180 KM घटेगी दूरी, जानें 10 खास बातें

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 नई दिल्ली 

12 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुप्रतीक्षित दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे। 1,386 किलोमीटर का एक्सप्रेसवे दिल्ली और मुंबई को जोड़ेगा और ये एक्सप्रेसवे यात्रा के समय को लगभग 12 घंटे तक कर देगा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे चालू होने के बाद दिल्ली-मुंबई के अलावा कई शहरों के बीच की दूरी घट जाएगी। पीएम मोदी के रविवार को सोहना-दौसा एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने के बाद दिल्ली और जयपुर के बीच यात्रा का समय घटकर 2 घंटे हो जाएगा। आइये जानते हैं दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की क्या हैं दस खास बातें ?

1.दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे आठ लेन का हाईवे होगा जिसे भविष्य में 12 लेन तक बढ़ाया जा सकता है। इसकी खास बात यह है कि ये एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे है।

2.यह एक्सप्रेसवे देश के पांच राज्यों से होकर गुजरेगा। एक्सप्रेसवे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा। इसे बनाने के लिए सभी राज्यों को मिलाकर कुल 15000 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है।

3.एक्सप्रेसवे पर यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए रास्ते के किनारे 94 जगहों पर वे साइड सुविधाएं होंगी।

4.एक्सप्रेसवे पर 40 से ज्यादा प्रमुख इंटरचेंज होंगे जो कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत से कनेक्टिविटी को बढ़ाएंगे।

5.दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परियोजना के सोहना-दौसा तक मंगलवार से यातायात के लिए खोले जाने की संभावना है।

6. 2018 में परियोजना का प्रारंभिक बजट ₹98,000 करोड़ था। इस परियोजना से 10 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजित होने की उम्मीद जताई जा रही है।

7. इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद दिल्ली और मुंबई के बीच की दूरी लगभग 180 किलोमीटर घट जाएगी। पहले यह दूरी 1,424 किलोमीटर थी जो एक्सप्रेसवे बन जाने से 1,242 किलोमीटर रह जाएगी।

8. इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 12 लाख टन स्टील का इस्तेमाल किया जाना है जो 50 हावड़ा ब्रिज के बराबर है।

9. इस  एक्सप्रेसवे पर अत्याधुनिक स्वचालित यातायात प्रबंधन प्रणाली ( automated traffic management system) होगी।

10. परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने ट्वीट कर जानकारी दी कि एक्सप्रेसवे जानवरों के ओवरपास, अंडरपास को समायोजित करने वाला यह भारत और एशिया का पहला एक्सप्रेसवे है। रणथंभौर वन्यजीव अभयारण्य में प्रभाव को कम करने के लिए इसे उसी तरह से डिजाइन किया गया है।
 

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