Online Gaming से 450 करोड़ की ठगी, सरगना गिरफ्तार
नोएडा
ऑनलाइन गेमिंग फ्रॉड (Online Gaming Fraud) करने वाले गिरोह का सरगना सचिन सोनी को नोएडा के थाना-39 पुलिस टीम ने झांसी से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी सचिन सोनी विदेश भाग जाने के फिराक में था। आरोपी के कब्जे से 1 लैपटॉप, 1 स्मार्टफोन, 5 फर्जी आधार कार्ड व मकान का रेंट एग्रीमेंट बरामद किया गया है।
पुलिस ने बताया कि देश भर में महादेव ऐप फ्रॉड गिरोह के ठगों ने 450 करोड रुपए से अधिक की ठगी लोगों से की है। इस गिरोह के इस्तेमाल किए गए बैंक खातों की जांच पड़ताल नोएडा पुलिस लगातार कर रही है। गैंग के 4 बैंक खातों के बारे में जानकारी हुई है। जिसमें 73 करोड़ रुपये के ट्रांसजेक्शन का खुलासा हुआ है। पुलिस ने इन खातों में मिले 37 लाख रुपये फ्रीज कर दिए गए हैं। मंगलवार तक आरोपी के 22 खातों में 405 करोड़ रुपए का ट्रांसजेक्शन की जानकारी पता चली थी। उसी दिन 1.84 करोड़ रुपये फ्रीज करा दिए गए थे।
11 देशों में फैला नेटवर्क
पुलिस ने बताया कि मास्टरमाइंड दुबई में बैठकर सौरव चंद्राकर प्रत्येक महीने महादेव बुक ऐप से ढाई सौ से 300 करोड़ रुपए की कमाई करता है। इसके अलावा इस ऐप से नेपाल व थाईलैंड में बैठे अन्य आरोपी भी लोगों से ठगी कर रहे हैं। इस गेम में मिले अन्य फर्जी बैंक अकाउंट के बारे में पता कर रहे हैं। इस गेम का नेटवर्क नेपाल, बांग्लादेश व श्रीलंका समेत 11 देशों में फैला हुआ है। गिरोह के अन्य आरोपियों को जल्द पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है। उन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
ऐसे देते थे झांसा
नोएडा के सेक्टर-108 स्थित डी-309 में पिछले करीब 1 महीने से फर्जी ऑनलाइन गेमिंग फ्रॉड का संचालन हो रहा था। नोएडा पुलिस को इस बारे में पता चलते ही मंगलवार को एसीपी के नेतृत्व में छापेमारी कर 16 लोगों को मौके से गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए लोगों में अधिकतर यूपी के रहने वाले हैं। महादेव बुक ऐप के माध्यम से ये आरोपी लोगों को अपने झांसे में लेकर लाखों रुपए की ठगी करते थे। इसके साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से संपर्क बनाकर गेम खेल कर पैसे कमाने का झांसा देते थे। मुख्य सरगना दुबई में बैठकर ऐप को ऑपरेट करता है। जिसे जल्द ही मुख्य सरगना को गिरफ्तार करने का दावा पुलिस कर रही है।
इस गेम की शुरुआत 500 रुपये से शुरू होती है। कस्टमर को हारे हुए गेम को जीता हुआ दिखा कर उनका पैसा करके भेजा भेज दिया जाता था। जिसकी वजह से लोग इनके झांसे में आने लगे और लाखों रुपए गेम में लगाने लगे। अगर अमाउंट 1 लाख रुपये से अधिक गेम में हो जाता था तो ये लोग खेल रहे कस्टमर अकाउंट ब्लॉक कर पैसों का ट्रांसजेक्शन कर लिया करते थे।