दाखिल-खारिज में सुस्ती नहीं चलेगी, सरकार सख्त; सभी डीएम से लापरवाह अधिकारियों की मांगी रिपोर्ट
बिहार
दाखिल-खारिज में सुस्ती पर बिहार सरकार सख्त हो गयी है। इससे संबंधित रिपोर्ट तलब की गयी है। सरकार ने संबंधित अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने दाखिल-खारिज निष्पादन की सुस्ती और बड़ी संख्या में आवेदनों को रद्द करने पर नाराजगी प्रकट की है।
विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजा है और उनसे लापरवाह अधिकारियों की रिपोर्ट मांगी है। पत्र की प्रति सभी अपर समाहर्ताओं एवं प्रमंडलीय आयुक्तों को भी दी गई है। पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि भविष्य में दाखिल-खारिज के आवेदनों को बिना स्पष्ट कारण के यदि अस्वीकृत किया जाता है या तय समय से अधिक समय लगाया जाता है तो इसके जिम्मेदार कर्मियों व पदाधिकारी को चिह्नित कर दंडित किया जाएगा।
सचिव ने कहा कि विभाग को कतिपय माध्यमों से यह जानकारी मिली है कि दाखिल-खारिज आवेदनों का ससमय निष्पादन नहीं हो रहा है। यही नहीं बिना उचित कारण बताए आवेदनों को रद्द भी किया जा रहा है। सचिव ने साफ कर दिया है कि यह किसी सूरत में स्वीकार्य नहीं होगा। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।
क्या है स्थिति
जब से ऑनलाइन दाखिल-खारिज की प्रक्रिया शुरू हुई है, तब से 99,39,435 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें 36,33,803 अस्वीकृत है। इतनी बड़ी संख्या में अस्वीकृति से चिंतित विभाग ने व्यवस्था में बदलाव का निर्णय लिया है।
क्या कहते हैं विभाग के मंत्री
पूरे बिहार से शिकायत आ रही थी कि दाखिल खारिज में अंचल कर्मियों द्वारा मनमानी की जा रही है। अब पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित होगी। – आलोक मेहता, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री