November 17, 2024

BJP का राजस्थान में ‘गुजरात वाला दांव’? वसुंधरा राजे समेत इन दिग्गजों के टिकट पर खतरा

0

 जयपुर

राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाया गया है। गुलाबचंद कटारिया को राज्यपाल बनाए जाने के बाद अब विधानसभा को नया नेता प्रतिपक्ष मिलेगा। इस दौड़ में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का नाम भी चर्चा में हैं। दलित नेता के तौर पर जोगेश्वर गर्ग और मदन दिलावर का नाम भी चर्चा में हैं. अन्य प्रमुख नेताओं में कालीचरण सराफ और नरपत सिंह राजवी भी सीनियर हैं. गुलाबचंद कटारिया को फ्लोर मैनेजमेंट में महारत हासिल थी. कटारिया सुंदर सिंह भंडारी की अंगुली पकड़कर सियासत में आगे बढ़े. वो राजस्थान में कई सरकारों में मंत्री रहे हैं. भैरोसिंह शेखावत सरकार में मंत्री रहे इसके साथ ही राजे सरकारों में गृह मंत्री समेत विभिन्न पदों पर रहे।

गुजरात में दिग्गजों के काट दिए थे टिकट

उल्लेखनीय है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पूर्व सीएम विजय रूपाणी समेत दिग्गज नेताओं के टिकट काट दिए थे। भाजपा को अपने नए प्रयोग का चुनाव में फायदा भी मिला। गुजरात ने बीजेपी में बंपर सीट हासिल की थी। भाजाप आलाकमान ने गुलाब चंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाकर गुजरात जैसे ही सियासी संकेत दिए है।  भाजापा यदि गुजरात वाला प्रयोग राजस्थान में करती है तो वसुंधरा राजे समेत 70 प्लस नेताीओं के टिकट खतरे में पड़ सकते हैं। हालांकि, पार्टी आलाकमान के लिए वसुंधरा राजे की अनदेखी करना आसान नहीं होगा। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आलाकमान गुजरात वाला प्रयोग राजस्थान में करता है तो दांव उलटा पड़ सकता है। राजस्थान और गुजरात की राजनीतिक स्थिति अलग है। वसुंधरा राजे का सियासी कद रूपाणी से बड़ा है। ऐसे में वसुंधरा राजे की अनदेखी पार्टी आलाकमान नहीं करना चाहेगा।

सतीश पूनिया ने दिए थे संकेत

बता दें BJP प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने पॉलिटिक्स में रिटायरमेंट की उम्र 70 साल बताते हुए सियासी गलियारों में नई बहस छेड़ी थी। उन्होंने 70 साल में रिटायरमेंट की मजबूती से पैरवी करते हुए चुनाव में नई लीडरशिप खड़ी करने की बात कही। उन्होंने कहा मैंने इस पर काम भी शुरू कर दिया है। बीजेपी अध्यक्ष जयपुर में  टॉक जर्नलिज्म में स्टूडेंट में कहा था कि 70 प्लस नेताओं को सन्यास ले लेना चाहिए। पूनिया का इशारा वसुंधरा राजे की तरफ माना गया था। हालांकि, सतीश पूनिया ने कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है। पूनियां के इस फॉर्मूले पर  केंद्र ने काम करना शुरू कर दिया है। कटारिया को राज्यपाल बनाने से ऐसे संकेत मिले है। पूर्व CM वसुंधरा राजे, पूर्व मंत्री कालीचरण सर्राफ, वासुदेव देवनानी, नरपत सिंह राजवी के टिकटों पर संकट खड़ा हो सकता है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *