निवेश को लेकर अब तय होगी मंत्रियों और अधिकारियों की जवाबदेही
यूपी
उत्तर प्रदेश में तीन दिनों तक चलने वाले ग्लोबल इनवेस्टर समिट का समापन हो गया है। इस सम्मेलन में यूपी में 33 लाख करोड़ रुपये का निवेश आने का दावा किया गया। हालांकि विपक्ष के नेता और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने निवेश को लेकर सवाल भी खड़े किए हैं लेकिन इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने का कहना है कि उनकी सरकार मंत्रियों के समूह (जीओएम) का गठन करेगी और उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) को लागू करने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात करेगी ताकि इसको मूर्त रूप में बदला जा सके।
अधिकारियों एवं मंत्रियों की टीमें एमओयू लागू करने पर काम करेंगी
योगी आदित्यनाथ ने यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के समापन सत्र में कहा, "मंत्रियों के समूह, अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और राज्य की टीमें जमीन पर एमओयू को लागू करने के लिए काम करेंगी।" राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को यहां भाग लिया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश को उस सम्मान का लाभ मिला है जो प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले नौ वर्षों में भारत के लिए अर्जित किया है और घोषणा की कि UPGIS-2023 ने 33.50 लाख करोड़ के निवेश को आकर्षित किया।