जैविक खेती को अपनाकर किसान को प्राप्त हुआ फसल का अच्छा मूल्य
बडवानी
बड़वानी जिले के ग्राम जैतपुरा के किसान श्री तुंबा गुलसिंग द्वारा पुस्तैनी खेती में पहले रासायनिक खाद का उपयोग किया जाता था। इसके लिए वे मुख्यतः फसल गेंहॅू उगाने के लिये यूरिया, डीएपी का उपयोग करता था। जिससें उपज तो बढ जाती थी, लेकिन लागत भी अधिक होती थी।
कृषि विभाग से संपर्क कर उन्होने जैविक खेती के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर जैविक खेती करना आरंभ किया। जिसमें उन्होने खेती के जैविक कीटनाशक पॉचपत्ति काढा, जीवामृत, बीजामृत एवं जैविक खाद के लिये बायोगैस संयत्र, वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग गेंहॅू एवं टमाटर में उपयोग किया। जिससे उन्हे कम लागत में उच्च गुणावत्ता का जैविक गेंहॅू एवं टमाटर का उत्पादन प्राप्त हुआ। जैविक उत्पाद होने से उन्हे बाजार से दुगना मूल्य उत्पाद का प्राप्त हुआ। इसके साथ ही कृषक श्री तुंबा गुलसिंग के द्वारा नवाचार के रूप में मधुमक्खी पालन भी किया जा रहा है। इससे उन्हे अतिरिक्त आय भी प्राप्त हो रही है।
देश में जैविक खेती को पुर्नजीवित करने के लिए वे देश के प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री जी तथा कृषि विभाग के पदाधिकारियों को धन्यवाद करते है। साथ ही अन्य किसान भाईयों से भी अपील करते है कि वे भी जैविक खेती को अपनाये एवं मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बढ़ाये।